
नागरिकों को ऑनलाईन कोर्ट की सुविधा उपलब्ध कराने कार्यालयों में होंगे वीडियो कान्फ्रेंस हॉल
बलरामपुर।कलेक्टर राजेन्द्र कटारा की अध्यक्षता में संयुक्त जिला कार्यालय के सभा कक्ष में तीन नवीन कानून के संबंध में बैठक आयोजित की गई। बैठक में पुलिस अधीक्षक बैंकर वैभव रमनलाल, अपर कलेक्टर आर. एस. लाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विश्व दीपक त्रिपाठी, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास, शिक्षा विभाग, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सहायक आयुक्त आदिवासी, श्रम पदाधिकारी, कार्यपालन अभियंता विद्युत विभाग, जेल अधीक्षक, समस्त अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस), फॉरेसिंक विभाग, सहायक लोक अभियोजन अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर राजेन्द्र कटारा ने नवीन कानून के संबंध में उपस्थित अधिकारियों को नवीन कानून के विषय में जानकारी दी। साथ ही उन्होंने कहा कि नवीन कानून का जिले के नागरिकों के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना है। साथ ही पुलिस, राजस्व, स्वास्थ्य एवं बैंक के अधिकारियों को प्रशिक्षण देकर नवीन कानून के विषय में जानकारी लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा दिया जाएगा। उन्होंने आम नागरिकों के लिए आनलाईन कोर्ट की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पुलिस, बैंक, स्वास्थ्य, जेल एवं जनपद पंचायत के अधिकारियों को कार्यालयों में वीडियों कान्फ्रेसिंग की सुविधा लगाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक सप्ताह समय-सीमा की बैठक में तीन नये कानून की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने लोक अभियोजन अधिकारी को हर दो माह में लंबित डाटा अपलोड कराने तथा लंबित अपराधिक प्रकरणों की जानकारी समीक्षा बैठक में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने उपस्थित पुलिस अधिकारियों को जिले में आयोजित हो रहे सुशासन तिहार के अंतर्गत समाधान शिविरों में तीन नये कानूनों का फ्लेक्स एवं पंपलेट के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिए। पुलिस अधीक्षक श्री बैंकर वैभव रमनलाल ने भी तीन नये कानून पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नये कानून के आधार पर सभी प्रकरणों का समय-सीमा पर जांच किया जाना है ताकि लोगों को समय पर न्याय मिल सकें। इस दौरान उन्होंने जीरो एफआईआर एवं ई-एफआईआर की भी विस्तृत जानकारी दी। साथ ही उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को ई-साक्ष्य के बारे में बताते हुए कहा कि जब्ती के दौरान अब वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। पुलिस अधिक्षक ने कहा कि सभी विचारण वाले प्रकरण में 30 दिवस के भीतर अधिकतम दो पेशी से अधिक की छुट नहीं होगी। उन्होंने बताया कि ई-साक्ष्य पर सभी विवेचकों का पंजीयन एवं महिला विवेचकों का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा साथ ही जीरो एवं ई-एफआईआर की मॉनिटरिंग पुलिस अधीक्षक स्वयं करेंगे।