

बलरामपुर: बलरामपुर जिले की राजपुर जनपद क्षेत्र स्थित ग्राम पंचायत धंधापुर अब वाकई में भ्रष्टाचार का पौधशाला बन ही गया है। यहां पहले पौधा लगाने में एक घोटाला का मामला सामने आया लेकिन अब यहां एक और घोटाले का अनोखा मामला सामने आ रहा है। धंधापुर में आज से 10 साल पहले एक पुलिया का निर्माण जल संसाधन विभाग के द्वारा किया गया लेकिन पुलिया का निर्माण अधूरा किया गया, अब एक बार फिर उस अधूरा पुलिया के पास 20 लाख की लागत से नया पुलिया का निर्माण किया जा रहा है जिसका स्थानीय लोग विरोध भी कर रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि उनकी जमीन ने पुलिया की वजह से प्रभावित होगी, उनका खेत डूबान स्थिति में चली जाएगी। वहीं दूसरी तरफ यह भी सवाल उठ रहा है कि आखिर 10 साल पहले बना अधूरा पुलिया का निर्माण पूरा नहीं किया जा सका है तो फिर री-एस्टीमेट तैयार कर पुलिया का निर्माण पूरा क्यों नहीं किया जा रहा है इससे जहां पंचायत के पदाधिकारियो की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहा है वहीं दूसरी तरफ नया पुलिया का एस्टीमेट तैयार करने वाले इंजीनियर की कार्य प्रणाली पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि जब मौके पर पहुंचकर इंजीनियर ने इसका एस्टीमेट तैयार किया होगा तब उन्हें अधूरा पुलिया भी यहां पर दिखाई दिया होगा. मतलब साफ है कि नया पुलिया निर्माण कर सरकार को लाखों रुपए का नुकसान करने की तैयारी चल रही है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले से अधूरे पुलिया का ही निर्माण पूरा किया जाता है तो कम लागत में ही पुलिया बन सकता है और सरकार के रुपए की भी बचत होगी। हैरानी की बात तो यह भी है कि नया पुलिया का निर्माण अगर दूसरे जगह पर किया जा रहा है तो इससे धंधापुर के लिपलिपिडांड जाने के लिए रास्ते में कई अंधा मोड़ भी बन जाएंगे जिसकी वजह से भविष्य में सड़क हादसे भी होंगे लेकिन इन सभी बातों को इंजीनियर के द्वारा भी ध्यान नहीं दिया गया है जबकि सामान्य व्यक्ति भी मौके पर देख कर सब कुछ आसानी से समझ सकता है लेकिन एस्टीमेट तैयार करने वाले अधिकारियों को यह सब कुछ समझ नहीं आया जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि पुलिया निर्माण में बड़ा भ्रष्टाचार किया जा सकता है।

दूसरी तरफ आनन फानन में नया पुलिया निर्माण के लिए भूमि पूजन भी विधायक के माध्यम से कर दिया गया है कुल मिलाकर विधायक को भी पंचायत और जनपद के पदाधिकारी और अधिकारियों के द्वारा गुमराह किया गया और उन्हें हकीकत से अवगत नहीं कराया गया. भूमि पूजन कर अधिकारी और पंचायत के लोग विधायक को खुश करना चाहते थे लेकिन हकीकत यह है कि इस पुलिया के निर्माण से जहां अंधे मोड़ तैयार होंगे वहीं निजी जमीन भी प्रभावित होगी तो सरकार को लाखों रुपए का अतिरिक्त नुकसान भी होगा।
ग्रामीणों ने कहा है कि अगर इस मामले पर सुनवाई नहीं होती है तो वह लिखित में इसकी शिकायत अधिकारियों से करेंगे वहीं गांव वालों को धमकाया जा रहा है कि अगर यहां पर नया पुलिया नहीं बनने देंगे तो फिर स्वीकृत पुलिया दूसरे मुहल्ले में बनाया जाएगा और उन्हें हमेशा बरसात के दिनों में परेशान होना पड़ेगा। गांव वालों ने कहा है कि री एस्टीमेट तैयार किया जाए और जल संसाधन विभाग से अधूरे पुलिया को हैंडओवर लेकर पंचायत या जनपद के द्वारा अधूरे पुलिया को ही पूरा किया जाए।






















