नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि घुसपैठियों और अवैध प्रवासियों के पास कोई कानूनी अधिकार नहीं है। न्यायालय ने कहा कि देश में अवैध रूप से प्रवेश करने वालों के लिए रेड कारपेट नहीं बिछाया जा सकता। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कल एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। इसमें अधिकारियों की हिरासत से कुछ रोहिंग्याओं के लापता होने का आरोप लगाया गया था। पीठ ने कहा कि लाभ और सुविधाएँ देश के नागरिकों पर केंद्रित होनी चाहिए, न कि किसी अवैध रूप से प्रवेश करने वालों पर। न्यायालय ने कहा कि अवैध प्रवासियों को हिरासत में यातना नहीं दी जा सकती।

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