मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित इंदिरा सागर डैम ने इस साल बिजली उत्पादन में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। एशिया के सबसे बड़े बांधों में शामिल इस डैम की क्षमता 1000 मेगावाट है, लेकिन इस वर्ष इसने उम्मीद से अधिक यानी 1100 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया। अगस्त माह में डैम से लगभग सवा पांच करोड़ यूनिट अतिरिक्त बिजली बनी, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 18 करोड़ रुपए है।

विशेषज्ञों के अनुसार, इस रिकॉर्ड उत्पादन के पीछे कोई नई तकनीक नहीं बल्कि बांध में बढ़ी हुई पानी की आवक प्रमुख कारण रही। इस साल जुलाई में पहली बार पानी की इतनी अधिक मात्रा आई कि प्रशासन को गेट खोलने पड़े। हालांकि, पानी को बेकार न जाने देने के लिए अधिकारियों ने उसकी पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन किया। आठों टरबाइन, जिनकी क्षमता 125 मेगावाट है, को लगातार 24 घंटे चलाया गया।

इंदिरा सागर परियोजना के प्रमुख अजीत कुमार सिंह के अनुसार, यह बांध के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा उत्पादन रिकॉर्ड है। जुलाई में 605 मिलियन यूनिट और अगस्त में 807 मिलियन यूनिट बिजली बनाई गई। अगस्त में दैनिक उत्पादन 26.65 मिलियन यूनिट तक पहुंच गया, जो अपने आप में एक नया माइलस्टोन है।

इंदिरा सागर परियोजना की खास बातें:

यहां से उत्पन्न बिजली 3 से 3.5 रुपए प्रति यूनिट की दर से केवल मध्य प्रदेश को बेची जाती है।

खंडवा के पुनासा में स्थित यह डैम 12.22 BMC पानी संग्रहित करता है।

यह 8 यूनिट्स के जरिए 1000 मेगावाट बिजली पैदा करता है।

इसकी नहरें 2.70 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को सींचती हैं।

2000 में NHDC ने इसे राज्य सरकार से लिया था और 2005 में 4355 करोड़ रुपए की लागत से पूरा किया।

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