अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में  आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल हुई ।जनजातीय समाज की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को देश की ताक़त बताया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी और कहा कि इस आयोजन का हिस्सा बनना उनके लिए गौरव का विषय है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि छत्तीसगढ़ अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण कर चुका है और इस विकास यात्रा में जनजातीय समुदाय की भूमिका हमेशा अग्रणी रही है। उन्होंने छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक, सामाजिक और पारिवारिक संबंधों को “रोटी-बेटी का रिश्ता” बताते हुए कहा कि इन संबंधों ने जनजातीय परंपराओं को और मजबूत किया है।

उन्होंने यह भी कहा कि वह स्वयं जनजातीय समाज से आती हैं और अपनी संस्कृति को पहले भी जीती थीं और आज भी उसी गर्व के साथ जी रही हैं। उन्होंने आदिवासी कला, संस्कृति और परंपराओं को बेहद समृद्ध बताते हुए इनके संरक्षण और संवर्धन की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।

राष्ट्रपति ने कार्यक्रम में उपस्थित जनजातीय महिलाओं और परिवारों से मुलाकात को हृदयस्पर्शी अनुभव बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, जल, जंगल, जमीन के साथ-साथ सांस्कृतिक संरक्षण भी जनजातीय समाज की उन्नति का प्रमुख आधार है। उन्होंने उम्मीद जताई कि ऐसे आयोजन जनजातीय समुदाय को नई ऊर्जा और नई दिशा प्रदान करेंगे।अंबिकापुर में राष्ट्रपति के आगमन को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतज़ाम किए गए थे और शहर में उत्साह का माहौल दिखा।

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