
जशपुर: जशपुर जिले के थाना सन्ना क्षेत्र में 10 दिन पहले एक अज्ञात युवक की हत्या कर उसका शव गांव के पास फेंक दिया गया था। इस अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाने में जुटी जशपुर पुलिस को आखिरकार बड़ी सफलता मिल गई है। पुलिस ने इस हत्या के मामले में एक 19 वर्षीय युवक और दो नाबालिग बालकों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उनके कब्जे से हत्या में प्रयुक्त डंडा और रस्सी भी जब्त कर लिया है।
जानकारी के अनुसार 6 जून 2025 की शाम करीब 7 बजे गांव के पास एक नदी में आरोपी जीवनधर यादव (उम्र 19 वर्ष) और दो नाबालिग लड़के मछली पकड़ने गए थे। उनके साथ एक नाबालिग लड़की भी मौजूद थी। उसी दौरान एक अज्ञात व्यक्ति वहां आया और उसने लड़की के साथ छेड़छाड़ करते हुए उसे जबरन ज़मीन पर पटक दिया।लड़की को बचाने की कोशिश में तीनों युवकों ने उस व्यक्ति के साथ मारपीट शुरू कर दी। डंडे से पिटाई करते हुए उन्होंने उसके हाथ-पैर बांधे और उसे गांव के एक किनारे पर घसीटते हुए छोड़ आए। बाद में रात 11 बजे गांव के ही एक व्यक्ति ने उसे खून से लथपथ हालत में पाया, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।पुलिस जब मौके पर पहुंची, तो पाया कि मृतक के हाथ-पैर बंधे थे और शरीर पर गहरे चोट के निशान थे। प्रथम दृष्टया मामला हत्या का प्रतीत हुआ, जिसके बाद शव का पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्टम कराया गया। डॉक्टर ने रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि मौत शरीर पर आई गंभीर चोटों के कारण हुई है।चूंकि मृतक की पहचान नहीं हो सकी थी, इसलिए पुलिस ने उसकी पहचान के लिए आस-पास के थानों और जिलों में सूचना प्रेषित की। लेकिन कोई जानकारी नहीं मिलने पर नियमानुसार उसका अंतिम संस्कार किया गया।इस घटना की जांच में जुटी पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि घटनास्थल के आसपास रहने वाले तीन युवकों जीवनधर यादव और दो नाबालिग लड़कों की उस रात उस व्यक्ति से झड़प हुई थी। पुलिस ने जब तीनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो उन्होंने अपना अपराध कबूल कर लिया।आरोपियों ने बताया कि उनका मकसद मारने का नहीं था, लेकिन छेड़छाड़ के बाद गुस्से में उन्होंने गंभीर रूप से घायल कर दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने घटना में उपयोग की गई रस्सी और डंडा बरामद कर लिया है। पुलिस ने इस मामले में जीवनधर यादव को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है, जबकि दोनों नाबालिगों को बाल संप्रेषण गृह भेजा गया है।
इस मामले की जांच में थाना सन्ना के प्रभारी उप निरीक्षक बृजेश यादव, प्रधान आरक्षक विजय खूंटे, आरक्षक प्रवीण खलखो, संतोष प्रजापति, अभय चौबे और महिला आरक्षक नीलम पैंकरा की विशेष भूमिका रही।