जांजगीर-चांपा: छत्तीसगढ़ की राजनीति सोमवार को दो बड़ी कानूनी कार्रवाइयों से हिल गई, जब जांजगीर-चांपा जिले में दो विधायकों के खिलाफ अलग-अलग मामलों में आपराधिक कार्रवाई की गई। एक ओर जहां भाजपा विधायक व्यास नारायण कश्यप पर खोखसा ओवरब्रिज चक्काजाम मामले में FIR दर्ज की गई, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस विधायक बालेश्वर साहू को एक मारपीट के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई।

बच्चों को बनया गया ‘ढाल’, विधायक कश्यप पर गंभीर आरोप

30 जून की सुबह खोखसा ओवरब्रिज पर व्यास कश्यप और उनके सहयोगियों द्वारा सड़क की खराब हालत के खिलाफ चक्काजाम किया गया। लेकिन प्रदर्शन में स्कूली बच्चों को भी शामिल किया गया, जो बाल संरक्षण अधिनियम का गंभीर उल्लंघन माना जा रहा है।पुलिस ने इस मामले में आईपीसी और बाल अधिकार कानून की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। इसमें विधायक सहित 12 लोगों के नाम हैं, जिनमें सरपंच, जनपद और जिला पंचायत सदस्य शामिल हैं।

एसी यूनिट विवाद में मारपीट — विधायक बालेश्वर साहू गिरफ्तार

दूसरी घटना में जैजैपुर विधायक बालेश्वर साहू पर उनके ही इलाके के नागरिक चंद्रशेखर राठौर और उनके रिश्तेदार हेमंत राठौर ने गंभीर आरोप लगाए हैं। शिकायत के अनुसार, विधायक ने जबरन उनके घर की दीवार पर एसी यूनिट लगवाया, और विरोध करने पर गाली-गलौज व मारपीट की। आरोप है कि विधायक ने मोबाइल छीनकर रिकॉर्डिंग डिलीट की और जान से मारने की धमकी दी।पुलिस ने विधायक को गिरफ्तार किया, लेकिन मामला जमानतीय होने के चलते उन्हें जल्द ही मुचलके पर रिहा कर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष को इसकी सूचना भेजी जा चुकी है।

इन दोनों मामलों ने प्रदेश की राजनीति में नए सवाल खड़े कर दिए हैं। लोकतंत्र में जहां विधायक जनता की आवाज बनने वाले होते हैं, वहीं जब वे खुद कानून तोड़ने लगें, तो लोकतंत्र की आत्मा आहत होती है।

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