नई दिल्ली। पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहा है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान से पिछले दो वित्तीय वर्षों के व्यापार आंकड़ों पर 11 अरब डॉलर का हिसाब मांगा है। IMF की फटकार के बाद पाकिस्तान अब चीन और अमेरिका समेत अन्य देशों की ओर मदद के लिए हाथ फैला रहा है।

चीन और अमेरिका से सहायता की मांग

पाकिस्तान ने अब तक वित्तीय सहायता और रक्षा उपकरणों के लिए मुख्य रूप से चीन पर निर्भर किया था। वहीं अमेरिका और पश्चिमी देशों से उसे ऋण और हथियारों की आपूर्ति भी मिलती रही है। लेकिन वर्तमान स्थिति में पाकिस्तान रणनीतिक और सुरक्षा मामलों के लिए चीन से मदद मांग रहा है, जबकि आर्थिक और व्यापारिक समर्थन के लिए अमेरिका की ओर देख रहा है।

विदेशी ऋण और वित्तीय स्थिति

रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान का कुल विदेशी ऋण 2025 की दूसरी तिमाही में लगभग 135 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। चीन का लगभग 30 अरब डॉलर का लोन अभी भी पाकिस्तान पर बकाया है, जो बुनियादी ढांचे, बंदरगाह, ऊर्जा और परिवहन परियोजनाओं के लिए दिया गया था।

IMF की चिंता

अफगान न्यूज एजेंसी खामा प्रेस के अनुसार, IMF को पाकिस्तान के व्यापार आंकड़ों की विश्वसनीयता पर चिंता है। वित्त वर्ष 2023-24 और 2024-25 में आयात आंकड़े सिंगल विंडो डेटा से क्रमशः 5.1 अरब और 5.7 अरब डॉलर कम बताए गए। IMF ने सुधारात्मक कदम और स्पष्ट संचार रणनीति की मांग की है ताकि निवेशकों का भरोसा बहाल किया जा सके।

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