बलरामपुर/अंबिकापुर। एक बीमार व्यक्ति यदि अपना टेस्ट तीन घलग-अलग पैथो लैब में कराए और तीनो जगह से रिपोर्ट अलग- अलग आए तो इससे ज्यादा विडम्वना की बात और क्या होगी। मामला बलरामपुर के एक शिक्षक से जुड़ा हुआ है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां शिक्षा विभाग में कार्यरत एक शिक्षक को कुछ तकलीफ हुई। शिक्षक अंबिकापुर में एक चिकित्सक को दिखाने गया। उन्हें कुछ टेस्ट की सलाह दी गई। वहीं एक पैथोजेब में उन्होंने टेस्ट कराया और डॉ. को दिखाया डॉ. ने असंतोष जाहिर करते हुए पुनः टेस्ट कराने की स‌लाह दी। दूसरे लैब में शिक्षक ने पुनः टेस्ट कराया तो रिपोट पहले से अलग आई। शिक्षक ने बलरामपुर मे फिर जांच कराई तो फिर एक अलग रिपोर्ट आई। अब शिक्षक और डाक्टर दोनो’ असमंजस में हैं कि रिपोर्ट से करे ईलाज किसे सही माना जाए।

लैब टैक्निशियन की दक्षता की जांच

कुछ लैब की यदि जांच की जाए तो देखेंगे कि नाम मात्र की तनख्वाह पर वहां अप्रशिक्षित युवक – युवतियां बैठे पाए जाएंगे जिन्हें कोई ज्ञान नहीं होता है। इस प्रकार लैब में लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है और स्वास्थ्य विभाग इससे अनभिज्ञ बना।

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