नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर गृह मंत्रालय (MHA) ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और केन्द्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश, बाढ़, अचानक बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन से हुए नुकसान के आकलन के लिए अंतर-मंत्रालयी केन्द्रीय दलों (IMCTs) का गठन किया है। ये केन्द्रीय दल मौके पर जाकर स्थिति और राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे राहत कार्यों का आकलन करेंगे।

गृह मंत्रालय के अनुसार, केन्द्रीय दल अगले सप्ताह की शुरुआत में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के बाढ़ या भूस्खलन प्रभावित जिलों का दौरा करेंगे। दरअसल, मौजूदा मानसून सीजन के दौरान भारी से अत्यधिक भारी बारिश, अचानक बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। हिमाचल प्रदेश में पहले ही एक IMCT और एक बहु-क्षेत्रीय दल (Multi-Sectoral Team) दौरा कर चुका है।

इन केन्द्रीय दलों का नेतृत्व गृह मंत्रालय/राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के संयुक्त सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारी करेंगे और इनमें व्यय, कृषि और किसान कल्याण, जल शक्ति, ऊर्जा, सड़क परिवहन और राजमार्ग, ग्रामीण विकास मंत्रालयों/विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।

गृह मंत्रालय इन राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में है और आवश्यक लॉजिस्टिक सहायता प्रदान कर रहा है, जिसमें NDRF, सेना और वायु सेना के हेलीकॉप्टरों की तैनाती शामिल है, जो खोज और बचाव कार्यों तथा आवश्यक सेवाओं की बहाली में सहायता कर रहे हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्री शाह के अगस्त 2019 में लिए गए निर्णय के अनुसार, गृह मंत्रालय गंभीर आपदा के तुरंत बाद राज्य सरकारों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों के ज्ञापन की प्रतीक्षा किए बगैर IMCTs का गठन करता है ताकि मौके पर जाकर नुकसान काआकलन किया जा सके।

IMCT द्वारा नुकसान का आकलन करने के बाद, केन्द्र सरकार स्थापित प्रक्रिया के अनुसार NDRF से राज्यों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान करती है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान, केन्द्र सरकार ने 24 राज्यों को SDRF में 10,498.80 करोड़ रुपए, 12 राज्यों को NDRF से 1,988.91 करोड़ रुपए, 20 राज्यों को राज्य आपदा शमन निधि (SDMF) से 3,274.90 करोड़ रुपए और 09 राज्यों को राष्ट्रीय आपदा शमन निधि (NDMF) से 372.09 करोड़ रुपए जारी किए हैं, ताकि आपदा प्रभावित राज्य प्रभावित लोगों को तत्काल राहत सहायता प्रदान की जा सके।

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