पटना। बिहार की राजनीति में रविवार का दिन ऐतिहासिक बन गया, जब कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की विस्तारित बैठक पहली बार आजादी के बाद पटना के सदाकत आश्रम में आयोजित की गई। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम, प्रदेश अध्यक्ष और कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। राहुल गांधी इस बैठक के लिए अकेले पहुंचे, जबकि सोनिया और प्रियंका गांधी उपस्थित नहीं रहीं।

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बैठक के दौरान मोदी सरकार पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति नाजुक है, जनता की क्रय शक्ति घट चुकी है, और पड़ोसी देशों का झुकाव चीन की ओर बढ़ गया है। बघेल ने केंद्र सरकार पर 50 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि वसूलने के बावजूद आम जनता की हालत बिगड़ने का आरोप लगाया और कहा कि “जब लोगों के पास क्रय शक्ति नहीं है, तो सरकार किस बात का उत्सव मना रही है?”

भूपेश बघेल ने विदेश नीति पर भी निशाना साधा। उन्होंने श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार में लोकतांत्रिक संस्थाओं की कमजोरी और अमेरिका के साथ विवादित एच-1बी वीज़ा नीति का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार कमजोर हो गई है और बिहार की आर्थिक स्थिति और बेरोजगारी चिंताजनक है।

बैठक में जातिगत जनगणना और राहुल गांधी की “न्याय योद्धा” के रूप में भूमिका पर भी चर्चा हुई। बघेल ने कहा कि कांग्रेस की यह बैठक केवल पार्टी की नहीं, बल्कि लोकतंत्र को मजबूत करने का प्रतीक है।

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