
बिलासपुर।बलरामपुर जिले के लिब्रा गांव में अवैध रेत खनन रोकने पहुंचे कांस्टेबल को रेत की अवैध खुदाई में लगे ट्रैक्टर से कुचल दिया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। यह घटना कनहर नदी किनारे की है जो अवैध खनन का गढ़ बन चुका है। इसे” संचार टुडे सीजीएमपी न्यूज़” सहित कई मीडिया में प्रकाशित खबरों पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है। हाई कोर्ट ने डीजीपी, खनिज और वन विभाग के सचिवों से जवाब मांगा है, अगली सुनवाई 9 जून 2025 को होगी। समर वेकेशन के दौरान मामले पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिंहा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने सख्त टिप्पणी की है। हाई कोर्ट ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में अवैध खनन पर पहले ही कोर्ट ने 23 जुलाई 2023 को संज्ञान लिया था। इसके बाद कोर्ट ने कई आदेश दिए। राज्य के अलग-अलग जिलों में अवैध खनन पर निगरानी जारी है। फिर भी घटनाएं रुक नहीं रहीं। इससे साफ है कि अधिकारियों की कार्रवाई नाकाफी है। रेत माफिया कानून से नहीं डरते, पुलिस भी असहाय दिख रही है।
हाई कोर्ट ने कहा…
जब पुलिस ही खतरे में है तो बाकी विभागों के अफसरों की हालत समझी जा सकती है। कोर्ट ने कहा है कि ऐसे अपराधियों से सख्ती से निपटना जरूरी है। वन विभाग की टीम को खनन की सूचना मिली थी। टीम चार कांस्टेबलों के साथ मौके पर पहुंची। खनन करने वाले भागने लगे। रोकने की कोशिश में एक ट्रैक्टर ने कांस्टेबल शिववचन सिंह को कुचल दिया। घटना के बाद सरगुजा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक ने जांच के आदेश दिए। जांच दल का नेतृत्व कर रहे इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है।