श्रीनगर। सुप्रीम कोर्ट आज जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। सर्वोच्च न्यायालय की रजिस्ट्री द्वारा जारी वाद सूची के अनुसार, यह मामला शुक्रवार, 10 अक्टूबर को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष रखा गया है।

वकील सोएब कुरैशी ने जानकारी दी कि यह मामला सीजेआई की अदालत में सूचीबद्ध किया गया है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने अब तक इस मामले में कोई जवाब दाखिल नहीं किया है।

पहले भी दी जा चुकी है सरकार को आठ सप्ताह की मोहलत

14 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने भारत के सॉलिसिटर जनरल को आठ सप्ताह का समय दिया था ताकि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे की बहाली पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर सके। उस समय सीजेआई ने यह भी कहा था कि निर्णय लेते समय “ज़मीनी हालात” को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता, खासकर पहलगाम हमले जैसी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए।

सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था, “आपको ज़मीनी सच्चाइयों को भी देखना होगा, आप पहलगाम में जो हुआ उसे नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते।”

संविधान के संघीय ढांचे का हवाला

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि राज्य का दर्जा बहाल करने में लगातार हो रही देरी संविधान के संघीय ढांचे के सिद्धांत का उल्लंघन है, जो संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से यह भी अनुरोध किया है कि दिसंबर 2023 के फैसले में दिए गए “जल्द से जल्द बहाली” के निर्देश को लागू करने के लिए स्पष्ट समयसीमा तय की जाए।

आज की सुनवाई में यह देखना अहम होगा कि केंद्र सरकार की ओर से क्या रुख अपनाया जाता है और सुप्रीम कोर्ट आगे क्या निर्देश देता है — क्योंकि यह मामला जम्मू-कश्मीर के भविष्य की संवैधानिक स्थिति से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

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