बलरामपुर: स्वास्थ्य सेवाओं की वास्तविक स्थिति और दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य केंद्रों की कार्यप्रणाली को परखने के उद्देश्य से कलेक्टर राजेन्द्र कटारा एवं वनमण्डलाधिकारी आलोक कुमार बाजपेयी ने जिले के दूरस्थ क्षेत्र में स्थित मनोहरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने स्वास्थ्य केंद्र परिसर का भ्रमण करते हुए परिसर की स्वच्छता, भवन की स्थिति, बैठने की व्यवस्था, पेयजल सुविधा, शौचालयों की स्थिति तथा रोगियों के लिए उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं का निरीक्षण किया। कलेक्टर श्री कटारा ने उपस्थिति पंजी का अवलोकन किया कि स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, स्वास्थ्य कार्यकर्ता तथा अन्य कर्मचारी निर्धारित समय पर उपस्थित हैं या नहीं। उन्होंने  मरीजों के पंजीयन, ओपीडी संचालन समय और आपातकालीन स्थिति में निपटने के लिए आवश्यक तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों और कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य है ताकि आम नागरिकों को समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके।

कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान अस्पताल में उपस्थित मरीजों से संवाद भी किया। उन्होंने मरीजों से पूछा कि समय पर ईलाज, दवाइयां पर्याप्त रूप से मिलती हैं या नहीं। गर्भवती महिला से चर्चा करते हुए उन्होंने प्रसव सुविधा के संबंध में जानकारी भी ली। इस दौरान कलेक्टर ने सबंधित अधिकारियों से मातृ स्वास्थ्य से संबंधित सेवाओं सहित आपातकालीन सेवा की उपलब्धता, रेफरल सुविधा के संबंध में पूछा।

कलेक्टर श्री कटारा ने अस्पताल में दवाइयों की उपलब्धता जैसे बुखार, दस्त, जुकाम, खांसी, मलेरिया तथा मौसमी बीमारियों की दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं या नहीं कि जानकारी ली। उन्होंने मानसून के आगमन के साथ ही सर्पदंश के मामलों में संभावित वृद्धि को देखते हुए एंटी-स्नेक वेनम की उपलब्धता की भी जानकारी ली। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि ग्रामीणों को सर्पदंश के प्रति जागरूक किया जाए तथा आवश्यकता होने पर नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तुरंत पहुंचने के लिए प्रेरित करें।

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