

देश : जिस दिन का पूरा देश इंतजार कर रहा था, वह आ गया। केंद्र सरकार की GST 2.0 प्रणाली सोमवार, नवरात्रि के पहले दिन पूरे देश में लागू हो गई। इसे “नेक्स्ट जनरेशन टैक्स रिफॉर्म” कहा जा रहा है, जिसका मकसद कर प्रणाली को सरल बनाना और आम जनता व व्यापारियों को राहत देना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लागू होने से पहले और बाद में जनता को संबोधित किया और सोशल मीडिया पर पत्र भी लिखा।
आम आदमी के लिए राहत, विलासिता पर सख्ती
GST 2.0 के तहत दो प्रमुख टैक्स स्लैब होंगे: रोजमर्रा की जरूरतों जैसे अनाज, सब्जियां, दवाइयां, साबुन और टूथपेस्ट पर 5% टैक्स, जबकि विलासिता की वस्तुएं और स्वास्थ्य पर हानिकारक उत्पाद (जैसे तंबाकू, शराब) पर 18% से 40% टैक्स लागू होगा। इसके अलावा, हेल्थ इंश्योरेंस अब पूरी तरह टैक्स-फ्री हो गया है, जो मध्यम वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बड़ी राहत है।
पीएम मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री ने इस सुधार को ‘GST बचत महोत्सव’ करार देते हुए कहा कि यह कदम मेड इन इंडिया और आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा। उन्होंने लिखा, “यह नवरात्रि विशेष है। GST बचत महोत्सव के साथ, स्वदेशी के मंत्र को और बल मिलेगा।” उन्होंने कहा कि यह सुधार किसानों, महिलाओं, युवाओं, मध्यम वर्ग, व्यापारियों और लघु उद्योगों के लिए लाभकारी साबित होगा।
व्यापार और उपभोक्ता लाभ
नई टैक्स प्रणाली से व्यापार करना आसान हो जाएगा। पेचीदा फॉर्म और अलग-अलग टैक्स दरों की जटिलता खत्म होगी, जिससे लघु और कुटीर उद्योगों को भी फायदा मिलेगा। साथ ही, कई दुकानदार ‘Before and After’ बोर्ड लगाकर ग्राहकों को दिखा रहे हैं कि टैक्स कम होने से वस्तुएं कितनी सस्ती हुई हैं, जिससे उपभोक्ताओं में विश्वास बढ़ रहा है।
टैक्स सुधारों की नई दिशा
2017 में शुरू हुई GST यात्रा अब GST 2.0 के साथ नए चरण में प्रवेश कर चुकी है। यह न केवल कर प्रणाली को सरल बनाता है, बल्कि घरेलू निर्माण और क्रय शक्ति को भी बढ़ावा देता है। इस सुधार से आम जनता और व्यापारियों को लंबे समय तक फायदा होगा।




















