

बस्तर : ओलंपिक 2025 का आज जगदलपुर में भव्य शुभारंभ हुआ। बस्तर ओलंपिक 2025 की शुरुआत पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि पवित्र बस्तर की धरती पर आयोजित यह आयोजन खेल, संस्कृति और युवाओं की ऊर्जा को जोड़ता है। उन्होंने इस आयोजन को नक्सलवाद-मुक्त, शांतिपूर्ण और समृद्ध बस्तर का प्रतीक बताया।
इस संभागीय आयोजन में बस्तर संभाग के सातों जिले—कांकेर, बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, नारायणपुर, बीजापुर और कोंडागांव—से सैकड़ों खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। खास बात यह है कि इस बार सरेंडर किए नक्सली और नक्सल हिंसा पीड़ित परिवारों के सदस्य भी मैदान में उतरे हैं। यह पहल सामाजिक समरसता और नए बदलाव की दिशा में बड़ी कदम मानी जा रही है।
इस आयोजन में कुल आठ टीमें उतरी हैं। बस्तर के IG सुंदरराज पी ने बताया कि सात जिलों की सात टीमों के अलावा आठवीं टीम ‘नुआ बाट’ के नाम से बनाई गई है, जिसमें सरेंडर नक्सली और नक्सल हिंसा का दर्द झेल चुके परिवारों के सदस्य शामिल हैं। IG के अनुसार वर्ष 2024 में जहां लगभग 350 खिलाड़ी शामिल हुए थे, वहीं बस्तर ओलंपिक 2025 में केवल ‘नुआ बाट’ टीम के 761 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। यह संख्या बताती है कि सामाजिक मुख्यधारा से जुड़ने वाले लोगों में अब अधिक आत्मविश्वास और उत्साह है।
बस्तर ओलंपिक 2025 न केवल एक खेल आयोजन है, बल्कि यह शांति, विश्वास और नए बस्तर की ओर बढ़ते कदमों का प्रतीक है। इस आयोजन से खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा और क्षेत्र में सकारात्मक वातावरण और मजबूत होगा। जय बस्तर, जय छत्तीसगढ़।






















