

अंबिकापुर: राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अंबिकापुर में शुक्रवार को “भारत में क्षेत्रीय विकास मुद्दे एवं चुनौतियाँ” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का भव्य शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के भूगोल विभाग एवं छत्तीसगढ़ भूगोल परिषद के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

संगोष्ठी का उद्घाटन संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेन्द्र लाकपाले ने किया। महाविद्यालय के प्राचार्य एवं भूगोलविद् डॉ. अनिल सिन्हा ने अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए देशभर से आए विद्वानों, विशेषज्ञों और शोधार्थियों का स्वागत किया। पर्यावरण विज्ञान की प्रतीक पौध-कलश भेंट कर अतिथियों का अभिनंदन किया गया।
कार्यक्रम में एसियन जियोग्राफर्स के वाइस प्रेसीडेंट एवं मिजोरम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. विशंभर प्रसाद सती विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहे। विशेष अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ भूगोल परिषद के संस्थापक प्रो. जे.पी. शिवहरे एवं वर्तमान अध्यक्ष प्रो. डी.डी. कश्यप मौजूद रहे।
उद्घाटन सत्र में शोध संगोष्ठी की स्मारिका तथा “पर्यावरण अवनयन एवं सतत् विकास” पुस्तक (लेखक: प्रो. अनिल कुमार सिन्हा एवं डॉ. राजीब जाना) का विमोचन कुलपति एवं मंचासीन अतिथियों द्वारा किया गया।
संगोष्ठी की संयोजक दीपिका स्वर्णकार ने विषय प्रवेश कराते हुए भारत की क्षेत्रीय असमानताओं एवं छत्तीसगढ़ के विकास की चुनौतियों पर प्रकाश डाला।प्रो. जे.पी. शिवहरे ने यंग स्कॉलर्स को शोध क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कियाबीज वक्तव्य देते हुए प्रो. एस.सी. रा ने जलवायु परिवर्तन के भारत-नेपाल-बांग्लादेश की प्रमुख फसलों पर प्रभाव को विस्तार से समझाया और छत्तीसगढ़ के शोधार्थियों की सक्रिय उपस्थिति की सराहना की।
मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. लकपाले ने समावेशी विकास के लिए शिक्षा एवं स्वास्थ्य को निःशुल्क करने की आवश्यकता बताई। मंच से प्रो. सती, प्रो. शिवहरे, प्रो. वी.के. वर्मा एवं प्रो. कश्यप ने भूगोल में बदलते शोध विषयों पर शोधार्थियों को प्रेरित किया।इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में देशभर से लगभग 200 शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे तथा बड़ी संख्या में शोधार्थी ऑफलाइन एवं ऑनलाइन जुड़े रहे।उद्घाटन सत्र का संचालन डॉ. उमेश कुमार पांडेय और आभार प्रदर्शन प्रो. डी.डी. कश्यप ने किया।






















