

Action on IndiGo: इंडिगो संकट के बीच सरकार ने एयरलाइन पर बड़ा एक्शन लिया है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो की 10 प्रतिशत फ्लाइट कैंसिल करने का फैसला लिया है. नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने ये निर्देश इंडिगो के सीईओ के साथ हुई मीटिंग के दौरान दिए.
मीटिंग के दौरान हाथ जोड़े नजर आए इंडिगो के CEO
मंगलवार को नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स और अन्य अधिकारियों के साथ मीटिंग की. इस दौरान इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स हाथ जोड़े नजर आए. इंडिगो पर की गई कार्रवाई की जानकारी खुद नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने दी है.
’10 प्रतिशत कटौती का आदेश दिया’
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘पिछले हफ्ते इंडिगो के क्रू रोस्टर, उड़ान कार्यक्रम और अपर्याप्त संचार के आंतरिक कुप्रबंधन के कारण कई यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा. जांच और आवश्यक कार्रवाई जारी रहने के दौरान, इंडिगो के शीर्ष प्रबंधन के साथ एक और बैठक हुई. जिसमें स्थिरता उपायों की समीक्षा की गई. आज फिर, इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को अपडेट देने के लिए मंत्रालय में बुलाया गया. उन्होंने पुष्टि की कि 6 दिसंबर तक प्रभावित उड़ानों के लिए 100% रिफंड पूरे हो चुके हैं. शेष रिफंड और सामान सौंपने के काम में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं.
मंत्रालय इंडिगो के सभी मार्गों पर उड़ानों की संख्या कम करना जरूरी समझता है, जिससे एयरलाइन के संचालन को स्थिर करने और रद्दीकरण में कमी लाने में मदद मिलेगी. 10% की कटौती का आदेश दिया गया है. इसका पालन करते हुए इंडिगो पहले की तरह अपने सभी गंतव्यों पर उड़ानें जारी रखेगी. इंडिगो को मंत्रालय के सभी निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें किराया सीमा और बिना किसी अपवाद के यात्री सुविधा उपाय लागू किए जाएंगे.’
‘ऐसी गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी’
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन यादव ने स्पष्ट किया है कि किसी एयरलाइन को इतनी बड़ी असुविधा और यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बनने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सुरक्षा मानकों (safety standards) को उच्चतर रखना महत्वपूर्ण है.
सरकार ने इंडिगो को स्पष्ट संदेश दिया है कि भविष्य में ऐसे संचालन-गड़बड़ियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी. अगर इंडिगो नए शेड्यूल को समय पर प्रस्तुत नहीं करती है, या फिर सुधार नहीं दिखाएगी, तो और अधिक कड़े कदम उठाए जा सकते हैं.





















