अम्बिकापुर: छत्तीसगढ़ सरकार की महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण आजीविका संवर्धन की योजनाएं आज सरगुजा जिले की विशेष पिछड़ी जनजाति की महिलाओं को आत्मनिर्भरता की नई दिशा दे रही हैं। कभी केवल घरेलू कार्यों तक सीमित रहने वाली पहाड़ी कोरवा महिलाएं अब स्व-सहायता समूहों के माध्यम से सैंटरिंग प्लेट एवं मिक्चर मशीन व्यवसाय से अपनी अलग पहचान बना रही हैं।

बिहान योजना बनी बदलाव की शुरुआत

अम्बिकापुर विकासखंड के मलंगवा खुर्द ग्रामपंचायत के रामनगर की महिलाएं पहले सामाजिक व आर्थिक रूप से सीमित थीं। लेकिन बिहान योजना से जुड़ने के बाद उनकी सोच और जीवनशैली में परिवर्तन आया। लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष संगीता पहाड़ी कोरवा बताती हैं कि उन्होंने बकरी व मुर्गी पालन से शुरुआत की और धीरे-धीरे आय का स्रोत बढ़ाया। बचत की आदत ने उनके जीवन को नई दिशा दी।

सैंटरिंग प्लेट से आमदनी और आत्मविश्वास दोनों में बढ़ोतरी

समूह की सचिव  सुशीला पहाड़ी कोरवा ने जानकारी दी कि सितंबर 2024 में समूह ने 90 हजार रुपये का लोन लेकर सैंटरिंग प्लेट का व्यवसाय शुरू किया। सुशीला बताती है कि गांव में पीएम आवास निर्माण के लिए सेंट्रिंग प्लेट अब शहर से किराए पर नहीं लाना पड़ता है. गांव में सबके निर्माण में ये महिलाओं सेंट्रिंग प्लेट और  मिक्सचर मशीन देती है साथ ही राजमिस्त्री का काम भी करती है. इससे एक घर से लगभग 8 से 9 हजार रुपये की कमाई हो जाती है.अब तक लगभग एक लाख रुपए कमा चुकी हैं।

आत्मनिर्भर बनाने में स्व-सहायता समूहों की बड़ी भूमिका

सरगुजा जिला पंचायत सीईओ विनय अग्रवाल ने बताया कि जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत अब तक 31,772 सामान्य आवास और 2,565 जनमन आवास स्वीकृत किए गए हैं। लक्ष्य बड़ा था, इसलिए निर्माण प्रक्रिया में गति लाने के लिए 413 स्व-सहायता समूहों की 782 महिलाओं को सैंटरिंग प्लेट किराये पर देने और मिक्चर मशीन संचालन के व्यवसाय से जोड़ा गया।

उन्होंने बताया कि 387 ग्राम पंचायतों में महिलाएं  सैंटरिंग प्लेट्स और मिक्सर मशीनें किराए पर देकर आय अर्जित कर रही हैं, जिससे न सिर्फ आवास निर्माण में तेजी आई है बल्कि ग्रामीण महिलाओं की आय में वृद्धि भी हो रही है। यह पहल नारी सशक्तिकरण का एक उत्कृष्ट उदाहरण बन चुकी है।

महतारी वंदन योजना बनी सहारा

महिलाएं बताती हैं कि महतारी वंदन योजना के अंतर्गत हर महीने खातों में मिलने वाली राशि से घरेलू आवश्यकताएं पूरी हो रही हैं। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना से उन्हें पक्का मकान मिलने से अब रहने की स्थायी व्यवस्था भी सुनिश्चित हो गई है।

नारी सशक्तिकरण की मिसाल

पहले छोटी-छोटी जरूरतों के लिए संघर्ष करने वाली पहाड़ी कोरवा महिलाएं आज आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर, सशक्त और प्रेरणास्रोत बन चुकी हैं। वे अन्य ग्रामीण महिलाओं को भी समूहों से जुड़कर स्वावलंबी बनने के लिए प्रेरित कर रही हैं। स्व सहायता समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय और प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया है।

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