

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत की है। भारत सरकार डीबीटी के माध्यम से ही लाभार्थियों को सब्सिडी और अन्य वित्तीय लाभों को सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर करती है। सरकारी योजनाओं के तहत लाभार्थियों के बैंक खाते में डायरेक्ट लाभ भेजने वाले सिस्टम को ही डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर कहा जाता है। डीबीटी का मुख्य उद्देश्य बिचौलियों को खत्म करना, लाभ पहुंचने में होने वाली देरी को कम करना और भ्रष्टाचार को रोकना है।
गरीबी से बाहर निकले 25 करोड़ देशवासी
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले दशक में 25 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाला गया। निर्मला सीतारमण ने 12वें ‘एसबीआई बैंकिंग एंड इकॉनमिक्स’ सम्मेलन-2025 को संबोधित करते हुए वित्तीय संस्थानों से उद्योग जगत के लिए कर्ज प्रवाह को बढ़ाने और व्यापक बनाने का आग्रह किया।
भारत को बड़े और वैश्विक स्तर के बैंकों की जरूरत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़े और वैश्विक स्तर के बैंकों की जरूरत पर जोर देते हुए बताया कि इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और बैंकों के साथ बातचीत जारी है। उन्होंने कहा, ‘‘देश को कई बड़े और विश्वस्तरीय बैंकों की जरूरत है। सरकार इस पर विचार कर रही है और काम शुरू हो चुका है। हम आरबीआई और बैंकों के साथ इस पर चर्चा कर रहे है।’’ इसके साथ ही उन्होंने भरोसा जताया कि माल एवं सेवा कर (GST) दरों में कटौती से मांग बढ़ेगी और इससे कुल मिलाकर निवेश बढ़ेगा।
बुनियादी ढांचे के निर्माण पर सरकार का खास ध्यान
केंद्रीय मंत्री सीतारमण ने ये भी कहा कि सरकार का बुनियादी ढांचे के निर्माण पर खास ध्यान है और पिछले दशक में पूंजीगत व्यय में पांच गुना बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने साल 2014 से व्यापार को आसान बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुधारों को आगे बढ़ाया है। सीतारमण ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार प्रौद्योगिकी की अगुवाई में वृद्धि पर जोर दे रही है। डेटा (इंटरनेट) की लागत आज कम होकर 10 रुपये प्रति जीबी पर आ गई है जो साल 2014 में 300 रुपये प्रति जीबी थी।






















