
नई दिल्ली: रख ज़ज्बा कुछ करने का ऐसा, कर भरोसा खुद पर इतना कि तेरे सपनों की उड़ान नज़र आए… कुछ ऐसी ही कहानी है महाराष्ट्र के गोंदिया जिले के तिरोड़ा तहसील के ग्राम खैरबोड़ी के नंदन नगर के रहने वाले रामदास हेमराज मारबदे की, जिन्होंने सही रणनीति के साथ खुद पर भरोसा और मेहनत के दम पर आज इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (इसरो) में नौकरी हासिल ली है, अब वह इसरो के टेक्नीशियन डिपार्टमेंट में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
दिन में बेचता था गोलगप्पे
रामदास ने बताया,”उनके पिता भंडारा जिले के तुमसर तहसील के मोहड़ी स्थित डोंगरगांव जिला परिषद स्कूल में चपरासी थे जो अभी रिटायर हुए हैं उनकी मां ग्रहणी है। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गणेश हाई स्कूल गुमाधावड़ा से पूरी की। इसके बाद 12वीं की पढ़ाई सी.जी. पटेल कॉलेज तिरोड़ा से पूरी करने के बाद नासिक के YCM कॉलेज से BA (प्राइवेट) किया। आर्थिक हालत ठीक न होने के कारण रामदास ने रात में पढ़ाई की और दिन में गोलगप्पे बेचे।
इस दौरान एक साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बगैर इसरो में नौकरी का सपना लेकर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था तिरोड़ा (ITI) से पंप ऑपरेटर-कम-मैकेनिक का कोर्स लेकर सेंट्रीक्यूगल, रिसीप्रोटिंग , द्रव्य प्रवाह,दबाव, हेड, कैविटेशन, जल उपचार, तेल, गैस रखरखाव व मरम्मत की भी ट्रेनिंग ली।
ऐसा रहा गांव की गलियों से “इसरो ” तक का सफर
साल 2023 में ISRO ने अप्रेंटिस ट्रेनी पदों के लिए भर्ती निकाली, इसके बाद ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर रामदास हेमराज मारबदे ने भी आवेदन अप्लाई किया। 2024 में नागपुर यहां रिटर्न टेस्ट परीक्षा उत्तीर्ण की और 29 अगस्त 2024 को स्किल टेस्ट की परीक्षा देने वह श्रीहरिकोटा स्थित केंद्र पहुंचा और स्किल टेस्ट की परीक्षा दी जिसमें वह पास हो गया।
इसके बाद इसरो में उसका सिलेक्शन हुआ और 19 मई 2025 का ज्वाइनिंग लेटर लेकर रामदास मारबदे श्री हरिकोटा के भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (स्पेस सेंटर) पहुंचा और अब पंप-ऑपरेटर-कम-मैकेनिक का पदभार संभालते हुए सूक्ष्म पहलुओं पर रिसर्च कर रहा है। उसकी इस सफलता पर परिवार में खुशी की लहर है। वहीं, गोलगप्पे बेचने वाले एक युवा द्वारा हासिल की गई उपलब्धि पर गोंदिया जिला भी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।