बिलासपुर / जिले के पचपेड़ी थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ग्राम सोन लोहरसी स्थित सरस्वती शिशु मंदिर के पूर्व प्रधानाचार्य उमेश कुमार दुबे पर करीब 10 लाख रुपये गबन करने का आरोप है। यह पूरा मामला साल 2023 का है और आरोपी पिछले दो साल से फरार है।

कैसे हुआ गबन का खुलासा?

स्कूल शिक्षकों को महीनों तक वेतन नहीं मिला। नए प्रधानाचार्य ने जांच की तो पता चला कि शिक्षकों की तनख्वाह के लिए भेजी गई राशि आरोपी ने अपने निजी खाते में ट्रांसफर कर ली। इतना ही नहीं, बच्चों के परिजनों से ली गई फीस की रकम भी फर्जी रसीदों के जरिए हड़प ली गई।

पुलिस की जांच और कार्यवाही

शिकायत के बाद पुलिस ने उमेश दुबे के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया। उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) भी जारी किया गया है। पुलिस का कहना है कि उसकी संपत्ति का विवरण जुटाया जा रहा है और जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।

गिरफ्तारी की मांग और आक्रोश

दो साल बीतने के बाद भी आरोपी की गिरफ्तारी न होने पर स्कूल समिति, शिक्षक और अभिभावकों ने बिलासपुर एसपी कार्यालय में धरना-प्रदर्शन किया। शिक्षकों का कहना है कि वेतन न मिलने से उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा और कई को कर्ज तक लेना पड़ा।

शिक्षा जगत में गहरी चिंता

यह बिलासपुर पूर्व प्रधानाचार्य गबन मामला न केवल आर्थिक धोखाधड़ी है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था और बच्चों के भविष्य के साथ गंभीर खिलवाड़ भी है। अभिभावकों और शिक्षकों की मांग है कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए।

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