नई दिल्ली: देश में यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) सेवा में बार-बार आ रही दिक्कतों को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को बड़ी बैठक की। इसमें उन्होंने यूपीआई सिस्टम को मजबूत करने और तुरंत सुधार करने के निर्देश दिए। बैठक में वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक (RBI) और नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। बीते एक महीने में तीन बार यूपीआई सेवाएं बाधित हुई थीं — 26 मार्च, 1 अप्रैल और 12 अप्रैल को। इससे करोड़ों लोगों को पेमेंट करने में परेशानी झेलनी पड़ीं।

बैठक में वित्त सचिव अजय सेठ, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नागाराजू, आरबीआई के कार्यकारी निदेशक विवेक दीप और एनपीसीआई के एमडी एवं सीईओ दिलीप अस्बे भी मौजूद थे। वित्त मंत्री ने सभी अधिकारियों से कहा कि यूपीआई सिस्टम की खामियों को जल्दी दूर करें ताकि भविष्य में ऐसी दिक्कतें ना आएं। साथ ही, साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाने और रियल-टाइम निगरानी को बेहतर करने पर भी जोर दिया गया।

बैठक में बताया गया कि बीते पांच साल में यूपीआई का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है। साल 2019-20 से 2024-25 के बीच यूपीआई की औसत वार्षिक वृद्धि दर 72% रही है। अभी देश में लगभग 45 करोड़ लोग यूपीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, हाल ही में 5.5 करोड़ नए दुकानदार भी यूपीआई से जुड़े हैं। पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में यूपीआई से किए गए लेन-देन का कुल मूल्य 30% बढ़कर 261 लाख करोड़ रुपए हो गया है, और लेन-देन की संख्या 42% बढ़कर 18,586 करोड़ पहुंच गई है।

वित्त मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आने वाले 2-3 साल में हर दिन 1 बिलियन (100 करोड़) यूपीआई ट्रांजेक्शन का लक्ष्य तय करें। साथ ही, यूपीआई को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लोकप्रिय बनाने, ज्यादा मर्चेंट और ग्राहकों को जोड़ने और प्लेटफॉर्म को और ज्यादा मजबूत बनाने पर काम करें।

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