

रायगढ़: छाल थाना क्षेत्र के बेहरामार गांव के पास सड़क किनारे खड़े दो ट्रेलरों से चोरों ने लगभग 300 लीटर डीजल चोरी कर लिया। स्कॉर्पियो वाहन में आए चोरों ने यह वारदात अंजाम दी, जबकि ट्रेलर चालकों ने घटना का वीडियो भी बनाया। पीड़ित चालकों ने डायल 112 पर सूचना देने के बावजूद कोई मदद नहीं मिली और थाने में लिखित शिकायत देने पर भी रिसीविंग तक नहीं दी गई। लगातार हो रही ऐसी चोरियों से ट्रक चालक अब रात में सड़क किनारे सोने से खौफजदा हैं, लेकिन पुलिस अब तक इस रैकेट को ध्वस्त करने में नाकाम साबित हो रही है।
पीड़ित ट्रेलर चालक ने बताया कि चोरी की यह घटना रात में हुई। चोर स्कॉर्पियो में सवार होकर आए और ट्रेलरों के टैंक से डीजल निकालकर फरार हो गए। चालक ने तत्काल डायल 112 पर कॉल किया, लेकिन कोई पुलिस टीम मौके पर नहीं पहुंची। अगले दिन छाल थाने पहुंचकर लिखित शिकायत दर्ज कराने पर थाना कर्मियों ने कहा कि थाना प्रभारी के आने तक रिसीविंग नहीं मिलेगी और बैठकर इंतजार करें। चालक ने बताया, “कई घंटे इंतजार करने और कंपनी से बार-बार कॉल आने पर मजबूरन थाने से चला आया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।”
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बेहरामार और आसपास के इलाकों में डीजल चोरी की घटनाएं अब रोजाना की तरह हो गई हैं। ट्रक चालक रात में विश्राम के लिए सड़क किनारे रुकते हैं, लेकिन चोरों का यह गिरोह बेखौफ होकर डीजल लूट रहा है। चालकों का कहना है कि चोरी का डीजल काले बाजार में बेचा जा रहा है, जिससे एक संगठित रैकेट का संकेत मिलता है। फिर भी पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही, जिससे चालकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। वे अब रात में सड़क किनारे सोने से डरने लगे हैं, क्योंकि चोरी के साथ-साथ जान का खतरा भी मंडरा रहा है।
सवाल उठता है कि आखिर पुलिस इस रैकेट के मुखिया तक क्यों नहीं पहुंच पा रही? क्या स्थानीय स्तर पर कोई संरक्षण प्राप्त है, जो चोरों को बेखौफ बना रहा है? लगातार शिकायतों के बावजूद थाने में रिसीविंग न देना और मौके पर पुलिस की अनुपस्थिति गंभीर लापरवाही को दर्शाती है। क्या पुलिस वाकई इस डीजल चोरी के रैकेट को नेस्तनाबूद कर पाती है? ट्रक चालकों की सुरक्षा और संपत्ति की रक्षा के लिए त्वरित एवं कड़ी कार्रवाई की जरूरत है, वरना यह समस्या पूरे जिले में विकराल रूप धारण कर सकती है।






















