भोपाल: मध्य प्रदेश के विदिशा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पिता ने अपनी 23 साल की जिंदा बेटी का अंतिम संस्कार कर दिया। पिता ने श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार की सारी विधियां पूरी कीं। हैरानी की बात ये है कि बेटी जिंदा है और पिता ने बेटी का आटे का पुतला बनाकर उसका प्रतीकात्मक रूप से अंतिम संस्कार किया। पिता के इस कदम के पीछे की वजह भी सामने आई है।

क्या है पूरा मामला?

विदिशा में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने पूरे शहर को भावुक कर दिया। यहां एक परिवार ने अपनी बेटी का प्रतीकात्मक रूप से अंतिम संस्कार कर दिया। मामला शहर की चुना वाली गली का है, जहां रहने वाले कुशवाहा परिवार ने अपनी 23 वर्षीय बेटी के फैसले से आहत होकर यह कदम उठाया।

मिली जानकारी के मुताबिक, कुशवाहा परिवार की बेटी सविता कुशवाहा, कुछ दिन पहले घर से कहीं चली गई थी। परिजनों ने पहले आसपास और रिश्तेदारी में उसकी काफी तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। बाद में जानकारी सामने आई कि वह एक युवक के साथ घर छोड़कर चली गई है। सविता के भाई ने दावा किया कि सविता ने एक युवक के साथ शादी कर ली और अपने परिवार की कोई परवाह नहीं की। इस खबर से पूरा परिवार सदमे में आ गया।

दुख और पीड़ा में डूबे परिजनों ने कविता का आटे से पुतला बनाया, अर्थी सजाई और शहर में प्रतीकात्मक रूप से उसकी अंतिम यात्रा निकाली। इसके बाद श्मशान घाट पहुंचकर विधि-विधान से उसका प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान परिवार के कई रिश्तेदार भी मौजूद रहे।

लड़की के भाई का सामने आया बयान
जिस लड़की का प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार किया गया, उसके भाई राजेश कुशवाहा ने बताया, “हमने बहन को बहुत लाड़-प्यार से पाला, उसकी हर इच्छा पूरी की। उसे अच्छे से पढ़ाया-लिखाया, हमें उससे बहुत उम्मीदें थीं। लेकिन वह हम सबको छोड़कर चली गई। आज हमने बेटी नहीं, अपने अरमानों की अर्थी निकाली है।”

लड़की के पिता ने क्या कहा?
बेटी का प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार करने वाले पिता रामबाबू कुशवाहा ने कहा, “बेटी के घर से जाने के फैसले से मैं पूरी तरह टूट गया हूं। यह मेरे जीवन का सबसे दुखद क्षण है।” परिवार का कहना है कि इस फैसले ने उन्हें भीतर तक तोड़ दिया है और वे गहरे मानसिक आघात में हैं।

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