SIWAN: बिहार के सीवान में नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी (EO) अनुभूति श्रीवास्तव के ठिकानों पर आज आर्थिक एवं साइबर अपराध प्रभाग (EOU) ने आय से अधिक संपत्ति मामले में छापेमारी की। यह छापेमारी उनके सीवान स्थित कार्यालय और आवास के अलावा पटना व लखनऊ के चार ठिकानों पर एक साथ की गई। इस कार्रवाई ने एक बार फिर उस अधिकारी की कहानी को सामने ला दिया है, जिस पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगने के बाद भी सरकार लगातार मेहरबान रही।

आय से 79% अधिक संपत्ति का आरोप

EOU के मुताबिक, अनुभूति श्रीवास्तव ने अपनी वैध आय से ₹71,01,908 अधिक की परिसंपत्ति अर्जित की है, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से करीब 78.91% अधिक है। इसी मामले में पटना स्थित आर्थिक अपराध थाने में 18 अगस्त को प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई थी, जिसके बाद न्यायालय के आदेश पर यह छापेमारी हुई।

विवादों से भरा रहा करियर

अनुभूति श्रीवास्तव का करियर हमेशा विवादों में रहा है। नगर विकास विभाग ने हाल ही में उन्हें सीवान नगर परिषद का कार्यपालक पदाधिकारी बनाया था। इससे पहले, कैमूर में EO रहते हुए उन पर गंभीर आरोप लगे थे, जिनकी जांच में वे सही पाए गए थे। इसके बाद भी, उन्हें हाजीपुर नगर परिषद का EO बना दिया गया।

निलंबन और फिर बहाली
साल 2021 में, विशेष निगरानी इकाई ने उनके खिलाफ एक मामला दर्ज किया था, जिसमें उन पर नवंबर 2013 से सितंबर 2021 के बीच वैध आय से 230% अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा था। तब उन्हें निलंबित भी किया गया, लेकिन कुछ ही दिनों में उनका निलंबन तोड़कर फिर से फील्ड पोस्टिंग दे दी गई। उन्हें रक्सौल नगर परिषद का EO बनाया गया, जहाँ भी उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। विवाद बढ़ने पर उनका फिर से तबादला किया गया। कुछ दिनों तक ‘संटिंग’ में रहने के बाद, एक बार फिर उन्हें सीवान नगर परिषद का महत्वपूर्ण पद सौंप दिया गया।

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