कर्नाटक कांग्रेस में कई दिनों से चल रही खींचतान अब शांत होती दिखाई दे रही है। शनिवार सुबह सीएम सिद्धरमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार की ब्रेकफास्ट मीटिंग के बाद राजनीतिक हलकों में सुलह के संकेत साफ नजर आए। बैठक के बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की जहां उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व जो निर्देश देगा, वही अंतिम होगा और पार्टी में किसी तरह का भ्रम या मतभेद नहीं है।

सिद्धरमैया ने कहा कि मुलाकात पूरी तरह मैत्रीपूर्ण थी और उसमें किसी राजनीतिक मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई। उन्होंने दोहराया कि उनके और शिवकुमार के बीच कभी कोई विवाद नहीं रहा और भविष्य में भी नहीं होगा। दोनों नेताओं ने स्वीकार किया कि उनका साझा लक्ष्य 2028 के विधानसभा चुनावों पर फोकस करना है और स्थानीय निकाय चुनावों के लिए रणनीति तैयार की जा रही है।

कुछ विधायकों के दिल्ली जाकर नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठाने पर सिद्धरमैया ने कहा कि कुछ नेता मंत्री पद की उम्मीद में गए होंगे, इसका मतलब यह नहीं कि वे नेतृत्व के खिलाफ हैं। पार्टी हाईकमान का फैसला सभी के लिए सर्वोपरि है।

डीके शिवकुमार ने भी कहा कि वे और सिद्धरमैया दोनों पार्टी के वफ़ादार सिपाही हैं। कर्नाटक कांग्रेस वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिए एकजुट है और 2028 में दोबारा सत्ता में वापसी का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही उन्होंने भरोसा जताया कि 2029 के लोकसभा चुनावों में भी कर्नाटक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

नेतृत्व परिवर्तन की मांग से शुरू हुआ विवाद फिलहाल शांत होता दिख रहा है। हाईकमान ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है और जल्द ही दोनों नेता दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर सकते हैं। इससे स्पष्ट है कि फिलहाल कर्नाटक सरकार पर किसी तत्काल संकट का खतरा नहीं है।

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