

बलरामपुर: छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ, जिला इकाई बलरामपुर-रामानुजगंज द्वारा प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर बुधवार को मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के नाम 9 सूत्रीय ज्ञापन जिला कलेक्टर बलरामपुर को सौंपा गया। संघ ने इस ज्ञापन के माध्यम से राज्य सरकार को चुनाव के समय की गई घोषणाओं की याद दिलाते हुए कर्मचारियों के हितों से जुड़े कई अहम मुद्दों पर ध्यान आकर्षित कराया है।
ज्ञापन में कहा गया है कि विधानसभा चुनाव के दौरान कर्मचारियों के लिए “मोदी की गारंटी” के तहत कई वादे किए गए थे, लेकिन अब तक उन पर ठोस कार्यवाही नहीं हुई है। इसी सिलसिले में कर्मचारियों ने स्मरण ज्ञापन देकर अपने 9 प्रमुख मांगों को तत्काल लागू करने की अपील की है।
ज्ञापन में सबसे पहले राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को केंद्रीय कर्मचारियों की भांति देय तिथि से महंगाई भत्ता (DA) तथा महंगाई राहत (DR) देने की मांग की गई है। साथ ही डीए एरियर्स की राशि को कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में समायोजित करने का सुझाव दिया गया है। दूसरी मांग में सेवानिवृत्ति के समय 240 दिवस के स्थान पर 300 दिवस का अवकाश नगदीकरण लागू करने की बात कही गई है।संघ ने यह भी मांग रखी है कि प्रदेश के संविदा, दैनिक एवं अनियमित कर्मचारियों को रिक्त पदों पर नियमित किया जाए तथा उन्हें मध्यप्रदेश की तर्ज पर सेवा सुरक्षा दी जाए। इसके अलावा, सभी संवर्गों के अधिकारी-कर्मचारियों को चार स्तरीय वेतनमान शीघ्र लागू करने की आवश्यकता जताई गई है।ज्ञापन में सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति दूर करने और शिक्षक-लिपिक संवर्ग की विसंगति समिति की रिपोर्टको प्रकाशित कर तुरंत प्रभाव से लागू करने की मांग की गई है। साथ ही शिक्षक (एलबी) संवर्ग को प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा लाभ प्रदान करने का आग्रह किया गया है।
संघ ने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर प्रदेश के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों एवं पेंशनरों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा और बोनस देने की भी मांग रखी। अंतिम मांग के रूप में, अनुकंपा नियुक्ति की 10% सीमा समाप्तकर योग्य अभ्यर्थियों को शीघ्र नियुक्त करने का आग्रह किया गया है।
इस दौरान संघ के जिलाध्यक्ष विवेकानंद गुप्ता, स्वास्थ्य संयोजक संघ के जिलाध्यक्ष हेमंत कुमार महंत, ब्लॉक संयोजक अब्राहम तिर्की, अनिल यादव, अतुल कुमार, वीरेन्द्र खाखासहित अनेक कर्मचारी मौजूद रहे।























