

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना यानी UPS का विकल्प चुनने की समय सीमा को वित्त मंत्रालय ने दो महीने बढ़ा दिया है। अब कर्मचारी 30 नवंबर 2025 तक इस योजना का चयन कर सकते हैं। पीटीआई की खबर के मुताबिक, यह फैसला राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली यानी NPS के तहत आने वाले कर्मचारियों की कम प्रतिक्रिया को देखते हुए लिया गया है। इसकी समयसीमा पहले 30 सितंबर 2025 थी। इसके लिए वे कर्मचारी पात्र हैं जो 1 जनवरी 2004 के बाद NPS के तहत आते हैं। इस स्कीम के तहत पात्र कर्मचारी, पूर्व सेवानिवृत्त कर्मचारी और दिवंगत कर्मचारियों के कानूनी रूप से विवाहित जीवनसाथी लाभार्थी के तौर पर मान्य होंगे।
तीसरी बार बढ़ाई गई आखिरी तारीख
खबर के मुताबिक,वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) को पत्र भेजकर इस बदलाव की घोषणा की, जिसे वित्त मंत्री ने मंजूरी दे दी है। यह तीसरी बार है जब समय सीमा बढ़ाई गई है। इससे पहले, यह 30 जून 2025 थी, जिसे बढ़ाकर 30 सितंबर 2025 किया गया था।
UPS की विशेषताएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 अगस्त 2024 को UPS योजना को मंजूरी दी थी। इस नई योजना में स्विच ऑप्शन, त्यागपत्र पर लाभ, अनिवार्य सेवानिवृत्ति, और कर छूट जैसी सकारात्मक सुविधाएं शामिल हैं। कर्मचारियों से अनुरोध भी मिला था कि उन्हें इन बदलावों को समझने और योजना चुनने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाए। यूपीएस के तहत, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को निश्चित भुगतान की सुविधा मिलेगी, जो उनके भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
पेंशन का गणित समझ लीजिए
एकीकृत पेंशन योजना यानी UPS एक अंशदायी सिस्टम है, जो कर्मचारियों को उनके अंतिम मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में प्रदान करती है। इस स्कीम में कर्मचारियों को अपने वेतन का 10% योगदान करना होगा, जबकि सरकार (नियोक्ता) 18.5% का योगदान करेगी। यह योजना कुल 23 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए है। रिपोर्टों के मुताबिक, 30 सितंबर 2025 तक लगभग 1 लाख कर्मचारियों ने UPPS का विकल्प चुना था।






















