नई दिल्ली: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने बिना फास्टैग लगे वाहनों को बड़ी राहत दी है। अब ऐसे वाहनों को यूपीआई से भुगतान करने पर टोल टैक्स का 1.25 गुना ही भुगतान करना होगा। यह व्यवस्था 15 नवंबर से मेरठ समेत देशभर के टोल प्लाजा पर लागू होगी। शुक्रवार को एनएचएआई के सीजीएम आपरेशन अब्दुल बासित ने बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने फास्टैग को लेकर महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की है। उन्होंने बताया वर्तमान में जिन वाहनों में फास्टैग नहीं लगा है या जिनका फास्टैग अमान्य है तो उन्हें नकद में दोगुना टोल शुल्क देना पड़ता है।

अब उन वाहन मालिकों के लिए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से भुगतान शुरू किया है, जिनके वाहनों में फास्टैग नहीं लगा है या जिनके वॉलेट में कोई बैलेंस नहीं है। इन वाहनों को अब नकद में दोगुना भुगतान करने के बजाय यूपीआई द्वारा केवल 1.25 गुना टोल शुल्क का भुगतान करना होगा। यदि टोल शुल्क 100 रुपये है तो वर्तमान में बिना फास्टैग के होने पर नकद में 200 रुपये का भुगतान करना पड़ता है। अब यूपीआई से भुगतान करने पर 125 रुपये देना होगा। इससे टोल प्लाजा पर नकद लेनदेन में और कमी आएगी। सरकार ने टोल पर कैशलेस भुगतान की ओर कदम बढ़ा रही है। यह व्यवस्था 15 नवंबर से लागू होगी।

अधिसूचना में यह भी व्यवस्था की गई है यदि किसी टोल पर तकनीकी खराबी हो गई और वाहन स्वामी के फास्टैग में पर्याप्त बैलेंस है तो उसे टोल से गुजरने में कोई दिक्कत नहीं होगी। वाहन स्वामी फास्टैग के माध्यम से शुल्क का भुगतान नहीं कर पाता है तो उस वाहन उपयोगकर्ता को बिना किसी शुल्क के टोल प्लाजा पार करने की अनुमति दी जाएगी। ऐसे लेनदेन के लिए शून्य-लेनदेन रसीद जारी की जाएगी। इस रसीद में शुल्क प्राप्ति की तारीख और समय, कुल प्राप्त राशि और वाहन की श्रेणी का उल्लेख होगा।

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