अम्बिकापुर: शालाओं एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं के चलते विकास खंड शिक्षा अधिकारी, मनेन्द्रगढ़ (जिला मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर)  सुरेन्द्र प्रसाद जायसवाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी, मनेन्द्रगढ़ के पत्र के आधार पर संभागायुक्त नरेन्द्र कुमार दुग्गा द्वारा की गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, श्री जायसवाल ने
माध्यमिक शाला लेदरी में वरिष्ठता क्रमांक 4393 की  गुंजन शर्मा को अनुचित रूप से अतिशेष घोषित कर दिया गया, जबकि उनसे कनिष्ठ क्रमांक 4394 की  बेबी धृतलहरे को सुरक्षित रखा गया।प्राथमिक शाला चिमटीमार में कार्यभार ग्रहण तिथि के अनुसार  अर्णिमा जायसवाल को अतिशेष माना जाना था, परंतु  संध्या सिंह को सूची में शामिल किया गया।माध्यमिक शाला साल्ही में शिक्षक  सूर्यकान्त जोशी के विषय की जानकारी गलत दर्शाई गई एवं विषय चक्रानुसार पदस्थापना नहीं की गई।इन सभी प्रकरणों में कुटरचना कर वरिष्ठ शिक्षकों को कनिष्ठ दर्शाया गया, जो कि पदीय दायित्वों के प्रति लापरवाही एवं स्वेच्छाचारिता को दर्शाता है। यह आचरण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 का स्पष्ट उल्लंघन है।

सम्पूर्ण प्रकरण पर गंभीरता से विचार करने के पश्चात  सुरेन्द्र प्रसाद जायसवाल को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9(1)(क) के तहत निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा और उनका मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर नियत किया गया है।

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