

बलरामपुर जिले में 1 अक्टूबर से नो हेलमेट-नो पेट्रोल
बलरामपुर: संयुक्त जिला कार्यालय भवन के सभाकक्ष में कलेक्टर राजेंद्र कटारा की अध्यक्षता एवं पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर रमनलाल की उपस्थिति में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में वनमंडलाधिकारी आलोक बाजपेयी, जिला पंचायत सीईओ नयनतारा सिंह तोमर, अपर कलेक्टर आर.एस. लाल, अभिषेक गुप्ता सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।बैठक में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के यातायात प्रबंधन एवं सड़क सुरक्षा को और सुदृढ़ बनाने हेतु विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही विभिन्न बिंदुओं पर विचार-विमर्श कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।
कलेक्टर ने जिले में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि जिले के चिन्हित ब्लैक स्पॉट और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में तुरंत सुधार कार्य कराएं। कलेक्टर ने कहा कि जहां दुर्घटनाओं की आशंका अधिक रहती है, वहां पर गति नियंत्रण हेतु स्पीड ब्रेकर तथा सड़क किनारे जागरूकता बोर्ड एवं रिफ्लेक्टर लगाने के निर्देश दिए, ताकि वाहन चालकों को समय रहते सचेत किया जा सके। उन्होंने सर्वाधिक दुर्घटना वाले क्षेत्र में सुरक्षा के सभी आवश्यक व्यवस्था जैसे-वाहनों की गति सीमा का बोर्ड, गति अवरोधक, अंधे मोड़, दुर्घटनाजनक क्षेत्र में संकेतक चिन्ह पर्याप्त मात्रा में लगाने की बात कही जिससे सड़क दुर्घटना में कमी लाई जा सके। कलेक्टर ने पशुओं से होने वाले सड़क दुर्घटनाओं के लिए सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं को रेडियम बेल्ट लगाने के साथ ही आवारा पशुओं के उचित प्रबंधन के लिए आवश्यक निर्देश भी दिये।
कलेक्टर ने कहा कि सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आगामी 1 अक्टूबर 2025 से नो हेलमेट नो पेट्रोल के नियम पर कार्य करते हुए हेलमेट की अनिवार्यता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि बिना हेलमेट के किसी भी पेट्रोल पंप से पेट्रोल उपलब्ध नहीं कराया जाएगा और नियमों का पालन नहीं करने पर नियमानुसार कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने पेट्रोल पम्प संचालकों से अपेक्षा की है कि वे यातायात नियम के पालन में प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने परिवहन अधिकारी को भी स्थानीय स्तर पर हेलमेट की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए ताकि आम लोगों को हेलमेट खरीदने में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।
पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर रमनलाल ने कहा कि जिले में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती घटनाओं को रोकने और लोगों में यातायात नियमों का पालन करना अनिवार्य है। इसके लिए नियमों के प्रति जागरूकता लाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना से बचाव के लिए लोगों को सीट बेल्ट व हेलमेट पहनकर सीमित गति से वाहन चलाने, नशा सेवन कर वाहन न चलाने, यातायात के नियमों की जानकारी दें। यदि हर नागरिक सावधानी और नियमों का पालन करे तो सड़क पर होने वाली बड़ी दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि दोपहिया वाहन चालकों को हेलमेट पहनना अनिवार्य है। बिना हेलमेट के वाहन चलाना न केवल यातायात नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह जान के लिए भी खतरा है। दुर्घटना की स्थिति में हेलमेट जीवन रक्षक सिद्ध होता है। उन्होंने कहा कि यात्रा की दूरी चाहे जितनी भी हो, हमेशा हेलमेट पहनकर ही वाहन चलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यातायात जागरूकता के लिए समय-समय पर स्कूल, कॉलेजों में छात्रों को सड़क सुरक्षा की जानकारी दी जाए और स्वयं नियमों के पालन करते हुए अन्य लोगों को भी प्रेरित करें। बैठक में समिति के सदस्य एवं विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।






















