

अम्बिकापुर। जिले में शैक्षणिक गुणवत्ता सुधार और आगामी बोर्ड परीक्षाओं की उत्कृष्ट तैयारी सुनिश्चित करने हेतु आज कलेक्टर श्री विलास भोसकर की अध्यक्षता में प्राचार्यों, बीईओ, एबीईओ, बीआरसीसी एवं कस्तूरबा विद्यालयों की अधीक्षिकाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, अम्बिकापुर के सभाकक्ष में प्रातः 11 बजे प्रारंभ हुई।
बैठक में संयुक्त संचालक शिक्षा संजय गुप्ता, जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार झा, जिला मिशन समन्वयक सर्वजीत पाठक, कोष, लेखा एवं पेंशन विभाग के अनिल बारी, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी, स्वास्थ्य एवं परिवहन विभाग के प्रतिनिधि, समाजसेवी एवं जिला विधिक प्राधिकरण अधिकारी उपस्थित रहे।
शैक्षणिक गुणवत्ता सर्वोच्च प्राथमिकता – कलेक्टर
कलेक्टर श्री भोसकर ने बैठक में कहा कि इस वर्ष बोर्ड परीक्षाओं में जिले का परिणाम उत्कृष्ट हो, यह हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने प्राचार्यों और शिक्षकों को निर्देश दिए कि कमजोर विद्यार्थियों को चिन्हित कर विशेष सहायता प्रदान की जाए। लगातार अनुपस्थित रहने वाले बच्चों के अभिभावकों से संपर्क कर समस्या का समाधान किया जाए। विद्यालयों में स्वच्छता और मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता पर विशेष निगरानी रखी जाए। प्रत्येक शिक्षक छात्र के भविष्य को प्राथमिकता में रखकर दायित्व निभाए।कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान मिले अनुभव साझा करते हुए कहा कि केवल इमारत या संसाधनों पर चर्चा पर्याप्त नहीं, बल्कि विद्यालयों में सीखने का वातावरण बेहतर बनाना सबसे आवश्यक है।

विभागीय विशेषज्ञों द्वारा महत्वपूर्ण मार्गदर्शन
बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दिशा-निर्देश दिए,कोष, लेखा एवं पेंशन विभाग के अनिल बारी ने सेवा पुस्तिका संधारण, पेंशन एवं जीपीएफ प्रकरणों की प्रक्रिया समझाई। समाजसेवी शिल्पा पाण्डेय ने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य, गुड टचदृबैड टच एवं काउंसलिंग पर जागरूकता प्रदान की। प्राचार्य एल.पी. गुप्ता ने विभागीय जांच एवं प्रशासनिक प्रक्रियाओं पर प्रकाश डाला। शैलेन्द्र गुप्ता ने नशामुक्ति अभियान के तहत शिक्षण संस्थानों के 200 गज क्षेत्र में नशीले पदार्थों की बिक्री पूर्ण प्रतिबंधित करने तथा संस्थानों में नशामुक्ति नोटिस लगाना अनिवार्य बताया।महिला एवं बाल विकास विभाग ने लैंगिक उत्पीड़न निवारण अधिनियम 2013 के तहत संस्थाओं में समिति गठन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिला विधिक प्राधिकरण की सचिव सुश्री लीनम बनसोडे (न्यायाधीश) ने बच्चों में बढ़ते अपराधों पर चिंता व्यक्त करते हुए विद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता बताई। प्राचार्य श्री रविशंकर पाण्डेय ने “सरगुजा 30” एवं संकुल आधारित कोचिंग प्रणाली की प्रगति से अवगत कराया।
पाठ्यक्रम पूर्णता एवं परीक्षा तैयारी पर विशेष जोर
संयुक्त संचालक शिक्षा संजय गुप्ता एवं जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. झा ने प्राचार्यों को निर्देशित किया कि पाठ्यक्रम निर्धारित समय में पूर्ण कराया जाए।विद्यार्थियों को मॉडल पेपर, अनसॉल्व्ड पेपर एवं प्रश्न-आधारित अभ्यास कराए जाएं। परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण एवं नियमित मूल्यांकन की व्यवस्था मजबूत की जाए। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में सरगुजा जिले को उत्कृष्ट परिणाम के साथ शीर्ष पर लाना हमारा लक्ष्य है।अंत में सहायक संचालक रविशंकर तिवारी ने सभी अधिकारियों एवं प्राचार्यों के प्रति आभार व्यक्त किया।






















