अम्बिकापुर:  जिला शिक्षा अधिकारी अम्बिकापुर ने बिड़ला ओपन माइंड स्कूल सरगवां पर अनुचित शुल्क व नियमों के उल्लंघन के लिए 1 लाख रुपए का आर्थिक दण्ड लगाया है। यह कार्रवाई प्रधानमंत्री कार्यालय में दर्ज शिकायत के बाद हुई। शिकायत में बताया गया था कि स्कूल में राष्ट्रीय शैक्षिक नीति (NEP) या SCERT/NCERT की निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें लागू नहीं हैं। इसके बजाय स्कूल ने निजी प्रकाशकों की महंगी पुस्तकों को अनिवार्य कर दिया है और अभिभावकों पर अनुचित दबाव डाला जा रहा है।

जिला शिक्षा अधिकारी के आदेशानुसार प्राचार्य और संबंधित अधिकारियों ने जांच की। जांच में यह तथ्य सामने आए कि नर्सरी से आठवीं कक्षा तक सभी कक्षाओं में SCERT या NCERT की पुस्तकें लागू नहीं की गई हैं। सभी पुस्तकों की कीमतें अत्यधिक हैं। उदाहरण के तौर पर नर्सरी की 10 पुस्तकों का कुल मूल्य 2,946 रुपए, UKG की 14 पुस्तकों का मूल्य 3,692 रुपए और कक्षा पांचवीं की 12 पुस्तकों का मूल्य 6,517 रुपए निर्धारित किया गया। इसके अलावा स्कूल गणवेश और अन्य आवश्यक सामग्री केवल एक ही फर्म से उपलब्ध कराई जा रही थी, जिसकी कीमत भी अधिक प्रतीत होती है।

जांच में यह भी पाया गया कि कक्षा 1 से 4 तक कार्य पुस्तिकाओं की फोटो कॉपी मान्य नहीं की जा रही है, जबकि कक्षा 5 से 8 तक छात्रों को फोटो कॉपी का विकल्प दिया गया। स्कूल प्रबंधन ने यह नियम लागू कर अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाला है।विद्यालय द्वारा कक्षावार पुस्तकों की सूची और गणवेश के नमूने सूचना पटल पर प्रकाशित किए गए थे। इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन द्वारा शिक्षा नियमों का पालन न करना, महंगी निजी पुस्तकें लागू करना और केवल एक ही फर्म से सभी सामग्रियों की बिक्री करना अनुचित लाभ और स्वेच्छाचारिता को दर्शाता है।

शासन ने स्कूल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, लेकिन प्राप्त जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। इसलिए जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल पर 1 लाख रुपए का दण्ड लगाया और चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसा दोबारा होने पर विद्यालय की मान्यता रद्द  की जा सकती है। आर्थिक दण्ड 3 दिनों के भीतर शासन के खजाने में चालान के माध्यम से जमा करना अनिवार्य है।

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