बलरामपुर। बलरामपुर जिले के धनेशपुर में बना 43 साल पुराना साड़सा लुत्ती बांध मंगलवार रात टूट जाने से भारी तबाही हुई। हादसे में खैरवार समाज के सात लोगों की मौत हो गई, जबकि कई घर, फसलें और मवेशी बह गए। अब तक छह शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि एक बच्ची वंदना का पता नहीं चल पाया है।

इस दर्दनाक घटना के बाद रविवार को खैरवार आदिवासी विकास परिषद के आह्वान पर बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने तातापानी स्थित नेशनल हाईवे 343 पर चक्काजाम कर दिया। ग्रामीणों ने मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा, सरकारी नौकरी और प्रभावित परिवारों को राहत देने की मांग की।

सूचना मिलने पर एडिशनल एसपी विश्व दीपक त्रिपाठी और एसडीएम अभिषेक गुप्ता समेत पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और आंदोलनकारियों से चर्चा की। आश्वासन के बाद चक्काजाम खत्म हुआ। इस दौरान करीब एक घंटे तक नेशनल हाईवे बंद रहा।

ग्रामीणों का आरोप है कि हादसा प्रशासन और जल संसाधन विभाग की लापरवाही से हुआ है। बांध का पिछले 17 साल से मेंटेनेंस नहीं हुआ था। 27 अगस्त को बांध लबालब भर जाने और रिसाव की जानकारी अधिकारियों को दी गई थी, लेकिन उन्होंने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।खैरवार समाज ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं तो वे नेशनल हाईवे की आर्थिक नाकेबंदी करेंगे।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष केपी सिंहदेव

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