रायपुर: खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में धान उपार्जन से पूर्व राज्य शासन ने फसल प्रविष्टियों की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए त्रिस्तरीय सत्यापन प्रक्रिया लागू की है। इसी कड़ी में संयुक्त जिला कार्यालय सभाकक्ष में कलेक्टर बलरामपुर-रामानुजगंज की अध्यक्षता में डिजिटल फसल सत्यापन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ।प्रशिक्षण में बताया गया कि खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के निर्देशानुसार एग्रीस्टेक पोर्टल और भुईंया सॉफ्टवेयर में दर्ज प्रविष्टियों का 5 प्रतिशत रैंडम सत्यापन मोबाइल पीवी ऐप के माध्यम से किया जाएगा। यह कार्य तीन चरणों में सम्पन्न होगा। पहले चरण में चयनित खसरों का भौतिक सत्यापन राजस्व एवं कृषि विभाग के फील्ड अधिकारी करेंगे। गलत प्रविष्टियां पाए जाने पर 31 अक्टूबर 2025 तक सुधारना अनिवार्य होगा।

कलेक्टर श्री कटारा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि धान खरीदी के लिए इस बार गिरदावरी का कार्य पूरी तरह ऑनलाइन किया जाएगा। जहां ऑनलाइन सर्वे संभव नहीं है, वहां ऑफलाइन सर्वे कर जानकारी को भुईंया ऐप में अद्यतन किया जाए। उन्होंने कहा कि त्रुटियों का सुधार केवल भौतिक सत्यापन के आधार पर ही किया जाएगा और सभी अधिकारी 15 अक्टूबर तक निर्धारित प्रविष्टियों का सत्यापन कार्य पूर्ण करें।कार्यक्रम में जिला खाद्य अधिकारी, पटवारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, ग्राम पंचायत सचिव सहित बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।

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