रायपुर।प्रदेश में बिजली दरों में संभावित बढ़ोतरी के खिलाफ कांग्रेस ने शुक्रवार को विद्युत विनियामक आयोग के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। शहर कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश दुबे और पूर्व विधायक विकास उपाध्याय के नेतृत्व में सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता लालटेन और चिमनी लेकर प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे। उन्होंने जनसुनवाई में छत्तीसगढ़ की जनता की आवाज उठाते हुए बढ़ती बिजली दरों, स्मार्ट मीटर और विभागीय कुप्रबंधन को लेकर सरकार को घेरा।

पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक सरप्लस बिजली उत्पादन वाला राज्य रहा है, लेकिन भाजपा सरकार के कार्यकाल में बिजली विभाग की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार चोरी-छुपे जनसुनवाई कर एफपीपीएएस शुल्क में 7.15% बढ़ोतरी की तैयारी कर रही है, जिससे आम जनता पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि पावर कंपनी के 4500 करोड़ के घाटे का बोझ अब जनता पर डाला जा रहा है, जबकि सरकारी दफ्तरों का 1750 करोड़ रुपये बिजली बिल बकाया है। इसके उलट आम उपभोक्ता का मामूली बकाया होने पर भी बिजली काट दी जाती है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर की अनियमितता और अधिक बिलों को लेकर जनता में भारी असंतोष है।

कांग्रेस नेताओं ने पूर्ववर्ती सरकार की “बिजली बिल हाफ योजना” को बंद किए जाने पर भी विरोध जताया। विकास उपाध्याय ने बताया कि पूर्व की सरकार में 65 लाख उपभोक्ता इस योजना का लाभ उठा रहे थे, लेकिन भाजपा सरकार ने इसे समाप्त कर दिया।प्रदर्शनकारियों ने यह भी सवाल उठाया कि सरकारी दफ्तरों में ही स्मार्ट मीटर नहीं लग पा रहे, और आम जनता को जबरन इस व्यवस्था में ढकेला जा रहा है।उन्होंने चेतावनी दी कि अगर बिजली दरों में वृद्धि रोकी नहीं गई, तो आने वाले दिनों में जनता को फिर से लालटेन और मोमबत्ती के सहारे जीवन जीना पड़ेगा।

प्रदर्शन में प्रमुख रूप से गिरीश दुबे, प्रमोद चौबे, कन्हैया अग्रवाल, श्रीकुमार मेनन, कमलाकांत शुक्ला, आकाश तिवारी, प्रशांत ठेंगड़ी, डोमेश शर्मा, शाहरुख अशरफी, प्रीति सोनी, वेद प्रकाश कुशवाहा, हर्षित जायसवाल समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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