

एमसीबी: कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी के आदेशानुसार शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने के मामलों को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने एक के बाद एक सख्त प्रशासनिक कार्रवाई की है। कलेक्टर के निर्देश पर तीन शासकीय कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है, जिससे स्पष्ट संदेश दिया गया है कि शासकीय कार्यों में व्यवधान किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बेलबहरा, विकासखण्ड मनेन्द्रगढ़ में पदस्थ व्यायाम शिक्षक गोपाल सिंह द्वारा 30 दिसंबर 2025 को जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में अधोहस्ताक्षरकर्ता के समक्ष कार्यरत लिपिकों को शासकीय कार्य करने से रोका गया तथा कार्यालयीन कार्यों में बाधा उत्पन्न की गई। इस कृत्य को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-03 का उल्लंघन मानते हुए कलेक्टर के आदेशानुसार उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम-09 के तहत निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर निर्धारित किया गया है।
इसी क्रम में नगर पंचायत झगराखाण्ड में पदस्थ सफाई कर्मचारी सुरेन्द्र प्रसाद द्वारा भी कलेक्ट्रेट कार्यालय में शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का मामला सामने आया। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी के निर्देश पर उनके आचरण को सेवा नियमों के प्रतिकूल पाते हुए उन्हें भी तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय नगर पालिका परिषद मनेन्द्रगढ़ निर्धारित किया गया है।
वहीं नगर पंचायत झगराखाण्ड में ही पदस्थ सहायक राजस्व निरीक्षक संजय पाण्डेय द्वारा भी कलेक्ट्रेट कार्यालय में शासकीय कार्यों में व्यवधान उत्पन्न किए जाने की पुष्टि होने पर कलेक्टर के आदेशानुसार उनके विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई करते हुए तत्काल निलंबन की कार्यवाही की गई है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय नगर पालिका परिषद मनेन्द्रगढ़ निर्धारित किया गया है।
तीनों निलंबित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी के नेतृत्व में शासकीय कार्यालयों की कार्यप्रणाली में अनुशासन, मर्यादा और सुचारू संचालन से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा तथा शासकीय कार्य में बाधा डालने वालों के विरुद्ध भविष्य में भी कठोर कार्रवाई जारी रहेगी। यह आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।






















