

अम्बिकापुर। कलेक्टर विलास भोसकर ने आज अंबिकापुर क्षेत्र के प्रमुख बांकी डेम एवं श्याम घुनघुट्टा परियोजना का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले के सभी डेम जिनमें जलभराव अपनी क्षमता के अनुरूप हो चुका है, उन पर लगातार नजर रखी जाए। साथ ही आस-पास के रहवासी इलाकों के लोगों को सतर्क और जागरूक किया जाए, ताकि किसी भी संभावित आपदा स्थिति का समय रहते निपटा जा सके।
कलेक्टर ने कहा कि निरंतर बारिश के बीच डेम का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में नियंत्रण कक्ष से नियमित रिपोर्ट ली जाए और सुरक्षा इंतज़ाम दुरूस्त रखें। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों को हर स्थिति पर पैनी नजर रखने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि बांकी डेम का निर्माण वर्ष 1994 में हुआ था। इसकी जलभराव क्षमता 17.00 एमसीएम है और कैचमेंट एरिया 37.12 वर्ग किलोमीटर है। इस डेम की ऊंचाई 32.4 मीटर, लंबाई 1134 मीटर तथा नहर की लंबाई 19.08
किलोमीटर है। करीब 13 वर्षों बाद यह डेम अपनी पूर्ण क्षमता तक भरा है, जो रहवासियों के लिए बड़ी राहत की खबर है।
वहीं, श्याम घुनघुट्टा परियोजना, जिसका निर्माण वर्ष 1986 में हुआ था, सरगुजा की सबसे महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाओं में से एक है। इस परियोजना का कैचमेंट एरिया 492 वर्ग किलोमीटर है। डेम की ऊंचाई 31.50 मीटर मेसनरी और अर्थेन 11.10 मीटर और लंबाई 5192 मीटर है। यह परियोजना न सिर्फ सिंचाई के लिए बल्कि पेयजल आपूर्ति के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती है।
निरीक्षण के दौरान जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता अशोक निरंजन सब इंजिनियर अश्वनी लकड़ा, अजय दान एक्का सहित प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।






















