

अम्बिकापुर: स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत ठोस एवं प्लास्टिक कचरे के समुचित प्रबंधन की दिशा में जिले ग्राम पंचायत दरिमा में स्थापित जिला स्तरीय प्लास्टिक प्रोसेसिंग इकाई केन्द्र/एम.आर.एफ. का कलेक्टर विलास भोसकर एवं जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार अग्रवाल ने औचक निरीक्षण किया।
569 ग्रामों की जुड़ेंगी स्वच्छाग्राही दीदियां
एम.आर.एफ. केन्द्र की स्थापना से जिले के 569 ग्राम पंचायतों की लगभग 2500 स्वच्छाग्राही दीदियां सीधे तौर पर लाभान्वित होंगी। ये स्वच्छाग्राही सूखा एवं ठोस कचरा निर्धारित दर पर विक्रय कर आर्थिक लाभ कमा सकेंगी। इसके अतिरिक्त इस प्लांट में प्रत्यक्ष रूप से 30 से 35 महिलाओं को रोजगार मिलेगा, जिन्हें लगभग 7,500 रुपये प्रतिमाह की आय होगी। इस प्रकार यह योजना महिलाओं को न केवल आर्थिक संबल देगी, बल्कि उन्हें सामाजिक रूप से भी सशक्त बनाएगी।
दाने से बनेगी प्लास्टिक की रस्सी, बाल्टी-डस्टबिन
कलेक्टर निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने बताया कि केन्द्र में एकत्रित प्लास्टिक कचरे का प्रोसेसिंग कर दाने, गट्टे एवं अन्य उपयोगी उत्पाद तैयार किए जाएंगे। वर्तमान में इन दानों से प्लास्टिक की रस्सी बनाने का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। वहीं आगामी समय में प्लास्टिक की बाल्टी एवं डस्टबिन उत्पादन की भी योजना बनाई गई है।
क्लस्टर आधारित कार्य प्रणाली
जिले के सभी 569 सेग्रीगेशन शेड एवं 7 प्लास्टिक प्रबंधन केन्द्रों को इस जिला स्तरीय इकाई से जोड़ा गया है। प्रत्येक 10–12 ग्रामों को मिलाकर क्लस्टर बनाया गया है, जिसके अंतर्गत कचरे का संग्रहण, उठाव एवं प्रोसेसिंग किया जाएगा। जिला, जनपद एवं पंचायत स्तरीय अमलों को नियमित कार्य संचालन एवं फॉलोअप के लिए निर्देशित किया गया है।
एम आर एफ केंद्र से महिलाओं को मिलेगा लाभ
कलेक्टर श्री भोसकर ने निरीक्षण के दौरान कहा कि इस कार्य से जुड़ी स्वच्छाग्राही दीदियों को शासन की सभी महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ भी दिया जाएगा, ताकि वे सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टि से और अधिक समृद्ध हो सकें। उन्होंने इकाई में कार्यरत महिलाओं से चर्चा कर उनके कार्य अनुभव भी साझा किए और उन्हें प्रोत्साहित किया।
इस दौरान जनपद पंचायत सीईओ राजेश सेंगर, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण जिला समन्वयक रोशन गुप्ता सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।





















