

कोरबा। अडाणी पावर को ट्रांसपोर्ट किए जा रहे कोयले की खेप को बीच रास्ते में दूसरे डिपो भेजकर की जा रही हेराफेरी के मामले में गिरफ्तार आरोपियों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। इससे पहले दीपका पुलिस ने इस प्रकरण में 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जांच की रफ्तार तेज होने के साथ ही इस मामले में और भी बड़े नेटवर्क के सामने आने की आशंका जताई जा रही है।पिछले दिनों दीपका थाना क्षेत्र की पुलिस ने इस संगठित कोयला हेराफेरी का खुलासा किया था। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की स्थानीय खदानों से अडाणी पावर की साइडिंग, जयरामनगर भेजी जाने वाली कोयले की बड़ी मात्रा को योजनाबद्ध तरीके से रास्ते में ही दूसरे डिपो में भेज दिया गया। यह पूरा खेल एक सुव्यवस्थित सिस्टम के तहत अंजाम दिया जा रहा था, जिससे अडाणी पावर को भारी आर्थिक नुकसान हुआ।
मामले की भनक लगने पर अडाणी पावर प्रबंधन ने आंतरिक जांच कराई, जिसमें गड़बड़ी सामने आई। इसके बाद कंपनी के एक कर्मचारी द्वारा दीपका पुलिस को सूचना दी गई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई शुरू की और शुरुआती जांच में तीन ट्रेलर जब्त किए। आगे की कार्रवाई में तीन और ट्रेलर जब्त किए गए। प्रारंभिक जांच में लगभग 355 टन कोयले की चोरी का खुलासा हुआ है।
पूछताछ में सामने आया कि आरोपियों ने कोयले की हेराफेरी के लिए एक संगठित सिस्टम विकसित कर रखा था। इस नेटवर्क में तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों तरह के लोग शामिल थे। शातिराना तरीके से ट्रेलरों में लगे जीपीएस सिस्टम को हटाकर या उससे छेड़छाड़ कर कोयले की खेप को निर्धारित गंतव्य के बजाय अन्य स्थानों पर भेजा जा रहा था।
पुलिस ने हालिया कार्रवाई में एक सुपरवाइजर, पेट्रोलिंग टीम के एक कर्मी और जीपीएस सिस्टम हटाने वाले एक तकनीकी एक्सपर्ट को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के खिलाफ कोयला हेराफेरी, तकनीकी उपकरणों से छेड़छाड़ सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
प्रकरण के उजागर होने के साथ ही यह आशंका और प्रबल होती जा रही है कि कोयला चोरी का यह खेल काफी समय से चल रहा था और इसे अंजाम देने में एक पूरा संगठित नेटवर्क सक्रिय था। पुलिस का कहना है कि जांच जारी है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।






















