रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के परंपरागत लोकपर्व हरेली के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ की समृद्ध कृषि संस्कृति, लोक परंपरा और प्रकृति प्रेम को हरेली के मूल भाव से जोड़ा।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हरेली छत्तीसगढ़ का पहला कृषिगत पर्व है, जो किसानों की श्रद्धा, मेहनत और धरती माता के प्रति कृतज्ञता को दर्शाता है। इस दिन कृषि उपकरणों की पूजा और पशुधन की देखभाल की जाती है। यह पर्व केवल अच्छी फसल की कामना का अवसर नहीं, बल्कि प्रकृति के साथ सामंजस्य और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का प्रतीक भी है।

उन्होंने प्रदेशवासियों से इस पर्व को वृक्षारोपण के माध्यम से और भी सार्थक बनाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि “आइए, हम सब मिलकर इस हरेली पर्व को पर्यावरण संरक्षण के साथ जोड़ें और आने वाली पीढ़ियों के लिए हरा-भरा भविष्य सुनिश्चित करें।”

मुख्यमंत्री साय ने आशा व्यक्त की कि हरेली पर्व सभी के जीवन में खुशियाँ, हरियाली और समृद्धि लेकर आए। उन्होंने जनता से आपसी सौहार्द, संस्कृति के सम्मान और प्रकृति प्रेम के साथ पर्व मनाने का आह्वान किया।

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