बलरामपुर: बाल विवाह जैसी सामाजिक कुप्रथा पर प्रभावी रोकथाम के लिए जिला प्रशासन द्वारा व्यापक स्तर पर प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। कलेक्टर  राजेंद्र कटारा के निर्देशन एवं जिला पंचायत सीईओ नयनतारा सिंह तोमर के मार्गदर्शन में सक्रियता से कार्य किया जा रहा है।इसी कड़ी में जिले के विकासखंड कुसमी अंतर्गत ग्राम पंचायत घुटराडीह और तरैनी में बाल विवाह होने की सूचना मिलने पर महिला एवं बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षकों , आंगनबाड़ी कार्यकर्ता , पुलिस विभाग के सहयोग द्वारा बाल विवाह रुकवाया गया। तथा नाबालिको के परिवारवालों और रिश्तेरदारों को समझाइश दी गई कि बाल विवाह कानूनी अपराध है,जो बच्चों के शारीरिक, मानसिक और शैक्षणिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। साथ ही उन्हें बताया गया कि बाल विवाह रोकथाम अधिनियम के तहत बाल विवाह में सम्मिलित लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।इसके साथ ही विकासखंड रामचंद्रपुर के ग्राम पंचायत भवरमाल में भी दो नाबालिग बालिकाओं के बाल विवाह की सूचना मिलने पर विवाह को रोका गया और सही उम्र होने पर ही बच्चों के विवाह करने की समझाइश दी गई।

जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न माध्यमों से बाल विवाह की रोकथाम के लिए जागरूकता लाया जा रहा है। नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार कर आमजन को जागरूक किया जा रहा है। आगामी अक्षय तृतीया जैसे पर्वों के दौरान संभावित बाल विवाह आयोजनों को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा विशेष सतर्कता बरती जाएगी जिसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम एवं तहसील स्तर पर पदस्थ विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी ,महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को बाल विवाह रोकथाम की जिम्मेदारी सौंपी गई है। महिला बाल विकास विभाग अधिकारी श्री बसंत मिंज ने बताया कि यदि किसी को भी अपने आस-पास बाल विवाह की सूचना मिलने पर  चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर कॉल कर सूचना दे सकते हैं। जिला प्रशासन ने अपील भी की है कि सभी लोग बाल विवाह रोकने में सहयोग करें।

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