बिलासपुर: हाई कोर्ट ने तलाकशुदा पत्नी और बच्चों के संपत्ति विवाद से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में अहम फैसला सुनाया है। जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच ने स्पष्ट किया कि तलाक के बाद पूर्व पत्नी को पति की संपत्ति में रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं होता, लेकिन बच्चों को पिता की संपत्ति में हिस्सा होने की वजह से वहां रहने का पूरा अधिकार है।

यह फैसला दुर्ग जिले के भिलाई स्टील प्लांट में कार्यरत कर्मचारी अजय कुमार रेड्डी और उनकी पूर्व पत्नी राजश्री के मामले से जुड़ा है। अजय कुमार ने 21 फरवरी 2002 को सेक्टर-8, रोड नंबर 36 स्थित क्वार्टर नंबर 1/ए को लीज पर लिया था। बाद में वर्ष 2010 में दुर्ग फैमिली कोर्ट ने क्रूरता के आधार पर तलाक की डिक्री जारी की।

तलाक होने के बावजूद राजश्री अपने दो बच्चों के साथ उसी सरकारी क्वार्टर में रहती रहीं। इस पर निचली अदालत ने पत्नी और बच्चों को घर खाली करने का आदेश दिया था। लेकिन मामले की अपील हाई कोर्ट में पहुंचने के बाद न्यायालय ने इस फैसले में आंशिक बदलाव किया।

हाई कोर्ट ने कहा कि पूर्व पत्नी अब उस संपत्ति में रहने की अधिकारी नहीं है, क्योंकि तलाक के बाद पति की संपत्ति पर उसका कोई कानूनी दावा नहीं बचता। हालांकि, बच्चे पिता की संपत्ति में हिस्सेदारी के कारण वहां रहने के हकदार हैं, इसलिए उन्हें घर खाली कराने का आदेश उचित नहीं है।

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