बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में 29 अक्टूबर 2025 से नया रोस्टर लागू किया जा रहा है। मुख्य न्यायाधीश की स्वीकृति से जारी इस नए रोस्टर के तहत अब चार डिवीजन बेंच और 16 सिंगल बेंच में विभिन्न मामलों की सुनवाई होगी। यह व्यवस्था आगामी सोमवार से प्रभावी होगी।

 पहली डिवीजन बेंच की जिम्मेदारी

पहली डिवीजन बेंच में मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभुदत्त गुरु शामिल रहेंगे। यह बेंच संविधान की धारा 323A व 323B को छोड़कर सभी डिवीजन बेंच मामलों, जनहित याचिकाओं (PIL), बंदी प्रत्यक्षीकरण, आपराधिक रिट, अवमानना याचिका, 2020 तक की आपराधिक अपीलें और धारा 482 CrPC के तहत दायर आवेदन पर सुनवाई करेगी।

दूसरी डिवीजन बेंच

जस्टिस संजय अग्रवाल और जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की बेंच उन मामलों की सुनवाई करेगी जो किसी अन्य डिवीजन बेंच को नहीं सौंपे गए हैं। इसके अलावा वैवाहिक विवादों से जुड़ी प्रथम अपीलें भी इसी बेंच में सुनी जाएंगी।

तीसरी डिवीजन बेंच

जस्टिस संजय श्याम अग्रवाल और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की बेंच कमर्शियल अपील, वर्ष 2016 तक की सजा के खिलाफ अपील (Acquittal Appeals) और धारा 378 CrPC के तहत लीव टू अपील से जुड़े मामलों की सुनवाई करेगी।

चौथी डिवीजन बेंच

जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस ए.के. प्रसाद की बेंच उन सभी सिविल मामलों को सुनेगी जो अन्य किसी डिवीजन बेंच को नहीं भेजे गए हैं। साथ ही, कंपनी अपील, टैक्स मामले, वर्ष 2015 तक की इक्विटल अपील और अन्य रिट याचिकाएं भी इसी बेंच में सुनवाई के लिए आएंगी।

16 सिंगल बेंचों में भी सुनवाई तय

नई रोस्टर व्यवस्था के तहत कुल 16 सिंगल बेंचों में मामलों की सुनवाई होगी। इनमें मुख्य न्यायाधीश की विशेष सिंगल बेंच सहित सभी न्यायमूर्तियों की व्यक्तिगत बेंचें शामिल हैं।

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