

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायत सचिव की नियुक्ति में अनावश्यक देरी को लेकर राज्य के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को कड़ी फटकार लगाई है। जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच ने निदेशक प्रियंका थवाईत को आदेश दिया है कि वे 8 दिसंबर को सुबह 10:30 बजे व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण दें।
यह मामला याचिकाकर्ता आसिफ रजा की याचिका से जुड़ा है। उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच ने 22 फरवरी 2024 को आदेश दिया था कि आसिफ रजा की ग्राम पंचायत सचिव पद पर नियुक्ति पर विचार किया जाए, बिना पहले से नियुक्त और ज्वॉइन कर चुके उम्मीदवारों की नौकरी प्रभावित किए।
हालांकि, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुशोभित सिंह ने कोर्ट को बताया कि स्पष्ट आदेश के बावजूद राज्य सरकार वित्त विभाग की स्वीकृति का इंतजार कर रही है और बार-बार आसिफ रजा को रायपुर से बैकुंठपुर दौड़ाया जा रहा है।
कोर्ट ने इस देरी पर नाराजगी जताई और सवाल किया कि जब हाईकोर्ट का आदेश स्पष्ट है, तो वित्त विभाग की स्वीकृति की आवश्यकता क्यों है? और यदि आवश्यकता भी थी, तो 22 फरवरी 2024 के आदेश के बाद अब तक क्यों नहीं ली गई?
कोर्ट ने मामले की सुनवाई 8 दिसंबर के लिए निर्धारित की है और आदेश की प्रति मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ शासन को भी भेजने का निर्देश दिया है। इसका उद्देश्य यह देखना है कि प्रशासनिक प्रणाली किस प्रकार काम कर रही है और आदेशों के पालन में देरी क्यों हो रही है।






















