रायपुर: महिला एवं बाल विकास मंत्री  लक्ष्मी राजवाड़े ने आज विकसित भारत विषय पर केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता द्वारा आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय से जुड़ी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए राज्यों और केन्द्र के बीच बेहतर समन्वय जरूरी है।

बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि छत्तीसगढ़ में समाज के अंतिम पंक्ति तक खड़े व्यक्ति को सामाजिक न्याय की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। राज्य में दिव्यांगजन, वरिष्ठ नागरिकों, अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा उभयलिंगी समुदाय के सशक्तिकरण हेतु योजनाओं का विस्तार और प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि “विकसित भारत 2047” की परिकल्पना को साकार करने के लिए राज्यों और केंद्र के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो, जिससे नीति और योजनाओं का लाभ तेजी से जरूरतमंद तक पहुँच सके। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय केवल संवैधानिक दायित्व ही नहीं बल्कि मानवीय कर्तव्य भी है।

गौरतलब है कि केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में विकसित भारत 2047 की परिकल्पना को साकार करने हेतु राज्यों से ठोस सुझाव लिए गए तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता से जुड़ी दीर्घकालिक रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया गया। इस बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, नशा मुक्ति, कौशल विकास और समाज के कमजोर वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ने जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा की गई। इस बैठक में सभी राज्यों के मंत्रियों ने अपने-अपने सुझाव रखे और केंद्र सरकार ने इस दिशा में ठोस नीतियाँ बनाने का आश्वासन दिया।

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