

रायगढ़: कापू तहसील क्षेत्र में यूरिया की कालाबाजारी का बड़ा मामला सामने आया है। बुधवार को तहसीलदार उज्जवल पांडे ने एक ट्रक (हाइवा) से यूरिया की अवैध खेप जब्त की, जो कालाबाजारी के लिए डंप की जा रही थी। आरोपी बैजू गुप्ता उर्फ विजय कुमार सुबह से ही पिकअप गाड़ियों में यूरिया भरकर किसानों को मनमाने दामों पर बेच रहा था।
क्षेत्र में इन दिनों किसानों को खेतों में यूरिया की सख्त जरूरत है। इस कमी का फायदा उठाकर कुछ दुकानदार यूरिया को 400 रुपये की आधिकारिक कीमत के बजाय 900 से 1000 रुपये में बेच रहे हैं। सूचना मिलने पर तहसीलदार पांडे ने दोपहर 1 बजे छापा मारा और कृषि विभाग की टीम के साथ मिलकर ट्रक सहित यूरिया की पूरी खेप जब्त कर थाने में जमा करा दी। इस कार्रवाई से क्षेत्र के अन्य बिचौलियों में हड़कंप मच गया है। कई लोग ग्रामीण इलाकों में घरों में यूरिया छिपाकर चोरी-छिपे बेच रहे हैं।
जांच में सामने आया कि इस कालाबाजारी में कृषि विभाग के कुछ कर्मचारी, जो लंबे समय से एक ही जगह पर पदस्थ हैं, कथित रूप से संलिप्त हैं। समाचार पत्रों में जुलाई माह से ही डीएपी, यूरिया और अन्य खादों की कमी की खबरें छप रही थीं, जिसका फायदा ये दुकानदार उठा रहे हैं। इसके साथ ही जीएसटी चोरी का भी गंभीर मामला सामने आया है, क्योंकि किसी भी खरीदार को बिल नहीं दिया जाता।
चौंकाने वाली बात यह है कि राशन दुकानों को खाने-पीने की चीजें बेचने की अनुमति है, लेकिन उन्हें कृषि विभाग द्वारा कीटनाशक, खाद और बीज बेचने की मंजूरी कैसे मिली? यदि खाने की चीजों में जहरीली दवा मिल जाए तो यह जानलेवा हो सकता है। इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा? आरोपी की दुकान के पास ‘समुद्री कृषि सेवा केंद्र’ का बोर्ड लगा है, लेकिन उसके पास वैध लाइसेंस भी नहीं है।
किसान संगठनों ने मांग की है कि लंबे समय से किसानों से अवैध वसूली करने वाले विजय कुमार पर सख्त कार्रवाई हो। कृषि विभाग का कहना है कि मामले की गहन जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।





















