रायपुर: शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार  गीता प्रसाद मधुकर, प्राचार्य, शा.उ.मा.वि. करडेगा, वि.ख. दुलदुला जिला जशपुर विद्यालय से अधिकतर अनुपस्थित रहते है. उनके द्वारा विद्यालय में नियमित रूप से कक्षाएं नहीं ली जाती है, विद्यालयीन कार्यों में रूचि नहीं लेने से विद्यालयीन व्यवस्था पर प्रतिकूलत प्रभाव पड़ा है। विद्यालय में स्वच्छ पेयजल का अभाव, स्वच्छ शैचालय का अभाव, फर्नीचर का खराब होना, पंखा एवं विद्युत उपकरण कियाशील नहीं होना, क्रीडा सामग्रियों का उपयोग नहीं होना, एनएसएस एवं स्काऊट गाईड की गतिविधियां नहीं होना पाया गया साथ ही उच्च अधिकारियों के आदेशो/निर्देशों की अवहेलना करना, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों की प्रति दुर्व्यवहार एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित करना पाया गया। साथ ही विद्यालयीन आबंटित राशि का अनुचित रूप से आहरण एवं निर्धारित मद अंतर्गत संबंधित कार्यों हेतु उपयोग नहीं किया जाता है तथा उनमें विद्यार्थियों के शैक्षणिक, शारीरिक, मानसिक गतिविधियों के संबंध में नियंत्रण का अभाव है।

अनुविभागीय अधिकारी (रा.) कुनकुरी के द्वाराश  मधुकर के विरूद्ध टी.सी. के एवज में अधिक राशि की मांग एवं कार्यालयीन स्टाफ के साथ अनुचित व्यवहार की जांच किया गया, जो प्रथम दृष्टया प्रमाणित होना पाया गया है।
श्री मधुकर का उक्त कृत्य छ.ग. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 के सर्वथा विपरीत पाते हुए छ.ग. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) (क) के तहत श्री मधुकर को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। उन्हे नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। निलंबन अवधि में मुख्यालय कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी, जशपुर नियत किया गया है।

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