

नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ क्षेत्र में नक्सल गतिविधियों पर लगाम कसने और ग्रामीणों तक मूलभूत सुविधाएं पहुँचाने के उद्देश्य से नारायणपुर पुलिस ने जाटलूर में नया सुरक्षा एवं जन सुविधा कैंप स्थापित किया है। माड़ बचाव अभियान के तहत खोला गया यह कैंप न सिर्फ सुरक्षा का नया आधार बनेगा, बल्कि विकास को गति देने वाला महत्वपूर्ण पड़ाव भी साबित होगा।
कैम्प स्थापना के साथ ही नक्सलियों द्वारा बनाए गए भव्य स्मारक को ध्वस्त कर पुलिस ने स्पष्ट संदेश दिया कि क्षेत्र में अब विकास और शांति की राह को प्राथमिकता दी जाएगी। उद्घाटन के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे, जिन्होंने नक्सलवाद को खत्म करने और माओवादियों का सहयोग न करने की शपथ ली। बच्चों की गूंजती आवाज़ें भारत माता की जय माहौल को उत्साह से भर रही थीं।
एक साल में 16वां सुरक्षा कैंप
अबूझमाड़ में तेजी से बदलते हालात के बीच यह 16वां कैंप है जो पिछले एक साल में खोला गया है। पुलिस और आईटीबीपी की संयुक्त टीम विशेष रूप से डीआरजी, बस्तर फाइटर और आईटीबीपी की 27वीं, 38वीं, 40वीं और 44वीं वाहिनी ने कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद जाटलूर में कैंप स्थापित किया।जाटलूर थाना ओरछा से 25 किमी, कुड़मेल से 5 किमी और आदेर से 10 किमी दूरी पर स्थित है। कैंप खुलने से ग्रामीणों में सुरक्षा और विश्वास का माहौल बना है।
डीआईजी कांकेर रेंज अमित तुकाराम और एसपी नारायणपुर रॉबिनसन गुड़िया सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने जाटलूर, मुरुमवाड़ा, कूरकास, धोबे और हरवेल गांवों के लोगों से मुलाकात की। ग्रामीणों ने बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क जैसी सुविधाओं को लेकर अपनी आवश्यकताएँ रखीं, जिन्हें जल्द पूरा कराने का आश्वासन दिया गया। अधिकारियों ने ‘‘नियद नेल्लानार’’ के तहत जन समस्या निवारण शिविर आयोजित करने की भी जानकारी दी।कैंप ओपनिंग के दौरान ग्रामीणों को कपड़े, चप्पल, साड़ी और खेल सामग्री बांटी गई। नक्सल स्मारक को ध्वस्त कर ग्रामीणों में भयमुक्त वातावरण स्थापित किया गया। पुलिस और ग्रामीणों के बीच बढ़ता समन्वय अब क्षेत्र में शांति स्थापना का बड़ा संकेत माना जा रहा है।
पुलिस के अनुसार विकास और सुरक्षा व्यवस्था के विस्तार से प्रभावित होकर वर्ष 2024–25 में 208 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। वहीं, अलग-अलग अभियानों में 99 माओवादी मारे गए और 117 गिरफ्तार किए गए। जाटलूर कैंप से भी आसपास के ग्रामीण आत्मसमर्पण की प्रक्रिया में आगे आ रहे हैं।कैंप खुलने से अब क्षेत्र में सड़क, पुल-पुलिया, चिकित्सा, शिक्षा और मोबाइल नेटवर्क जैसी आवश्यक सुविधाओं के विस्तार को और गति मिलेगी। सुरक्षा निगरानी बढ़ने से निर्माण कार्य तेज होंगे और ग्रामीण निर्भीक जीवन जी सकेंगे।
वर्ष 2025 में नारायणपुर पुलिस ने कुतुल, कोडलियर, पदमकोट, कुड़मेल, तोके, आदेर और अब जाटलूर जैसे माओवादी आश्रयस्थलों में सुरक्षा कैंप स्थापित किए हैं, जो नक्सलियों पर दबाव बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।आईजी बस्तर रेंज पी. सुंदराज, डीआईजी अमित कांबले, एसपी रॉबिनसन गुरिया, आईटीबीपी कमांडेंट मुकेश कुमार दसमाना, CAF के सेनानी संदीप पटेल सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में यह अभियान सफल रहा।






















